बिहार: महागठबंधन में मांझी ने लगा दी है आग, NDA खुश, आगे-आगे देखिए होता है क्या...

बिहार में महागठबंधन में टूट की संभावना बढ़ती जा रही है। हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी की धमकी के बाद राजद ने उन्हें चेतावनी दी है तो वहीं अब रालोसपा ने भी राजद को आंख दिखायी है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 03:48 PM (IST) Updated:Wed, 18 Mar 2020 12:32 PM (IST)
बिहार: महागठबंधन में मांझी ने लगा दी है आग,  NDA खुश, आगे-आगे देखिए होता है क्या...
बिहार: महागठबंधन में मांझी ने लगा दी है आग, NDA खुश, आगे-आगे देखिए होता है क्या...

पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त है, लेकिन अभी से ही चुनावी बिसात ब  बिछनी शुरू हो गयी है और शह-मात का खेल जारी है। महागठबंधन में एकजुटता का जो दावा  किया जा रहा था वो अब फेल होता दिख रहा है। सभी छोटे दल राजद पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं, तो वहीं मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है, जिससे अब महागठबंधन का टूटना लगभग तय है।

मांझी ने दी थी धमकी-राजद रवैया ठीक करे, नहीं तो...

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने धमकी देते हुए कहा था कि राजद महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है। इसमें किसी को कोई शक नहीं है। लेकिन, राजद बड़े भाई की भूमिका को ठीक से नहीं निभा पा रहा है। यही रवैया रहा तो सहयोगी दल मार्च के बाद बड़ा फैसला ले सकते हैं।

राजद ने कहा-बंद कीजिए ये सब, प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं चलेगी

इसपर राजद ने मांझी को दो टूक कह दिया है कि उसके सामने किसी दल की प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं चलेगी। राजद का आरोप है कि मांझी किसी और से गाइड हो रहे हैं। इस पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता दानिश रिजवान ने पलटवार करते हुए कहा कि राजद बताए कि तेजस्वी को कौन गाइड कर रहा है?

राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि महागठबंधन राजद ने बनाया है। कौन क्या बयान देता है इससे हमें मतलब नहीं है। कुछ लोगों की छटपटाहट है कि हमें ज्यादा सीट मिल जाए। जमीनी हकीकत जितनी होगी, महागठबंधन तय करेगा कि कितनी सीटें मिलनी चाहिए। हमें लगता है कि मांझी कहीं से गाइडेड हो रहे हैं और इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

जदयू-भाजपा हैं खुश, कहा-नहीं चलेगा महागठबंधन

महागठबंधन में मची खींचतान के बीच बिहार एनडीए के नेता बेहद खुश नजर आ रहे हैं। जदयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि हमारे एनडीए के मुक़ाबले महागठबंधन में समन्वय नहीं है और राजद का स्वभाव रहा है कि खाओ और खाने मत दो। इसी के चलते जनता दल में आधा दर्जन बार फूट हुई थी। राजद अकेले ही सम्पूर्ण सत्ता चाहती है, लिहाज़ा यह गठबंधन नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के चलते पिछली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली 40 सीटें मिली थीं, जबकि लालू यादव 20 से ज़्यादा सीट कांग्रेस को देने के पक्ष में नहीं थे। वहीं, भाजपा नेताओं ने भी चुटकी ली है। 

रालोसपा ने कहा-अहंकार छोड़े राजद

इस बीच, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने भी राजद को लेकर अपना सख्त रुख अपना लिया है। पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि तेजस्वी यादव सीधा मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन जब सभी लोग मिलेंगे तभी मुख्यमंत्री बन पाएंगे, नहीं तो किस्मत के धनी नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजद को अहंकार त्यागना होगा।

कांग्रेस ने कहा-मुद्दों को मिल-बैठकर सुलझा लेंगे

वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि इसमें किसी कोई तकलीफ़ नहीं है कि समन्वय समिति बने, लेकिन इस सवाल का जवाब राजद के लोग देंगे। सभी लोग बीजेपी के ख़िलाफ़ हैं इसलिए जाएंगे कहां? मिलजुल कर मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे। मतभेद को ख़त्म करने की भी कोशिश होगी।

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