नवरात्रि के दौरान मां की आराधना को उमड़े श्रद्धाुल, आज दशहरा की धूम

नवरात्रि के दौरान माता के विभिन्‍न रूपों की पूजा की गई। इस दौरान पूरे बिहार में श्रद्धालु पूजा प़डालों व मंदिरों में उमड़ते दिखे। आज दशहरा के साथ यह पर्व संपन्‍न हो जाएगा।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 17 Oct 2018 07:40 PM (IST) Updated:Fri, 19 Oct 2018 02:23 PM (IST)
नवरात्रि के दौरान मां की आराधना को उमड़े श्रद्धाुल, आज दशहरा की धूम
नवरात्रि के दौरान मां की आराधना को उमड़े श्रद्धाुल, आज दशहरा की धूम

पटना [जेएनएन]। नवरात्रि के नौवें दिन गुरुवार को मां आदिशक्ति भगवती के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना के लिए देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद देर शाम से हर जगह मेले का नजारा रहा। ऐसा लग रहा था कि पूरा बिहार सड़कों पर उतर आया हो। पूजा पंडालों व मंदिरों में श्रद्धालुअों का तांता लगा रहा। इसके बाद आज दशहरा की धूम है।
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री देवी की आराधना के साथ गुरुवार को नवमी में श्रवण नक्षत्र एवं धृति योग में हवन में कन्या पूजन किया गया। अब शुक्रवार को दशमी तिथि के दिन देवी की प्रतिमा का विसर्जन होगा।

हवन के बाद कन्‍या पूजन का विधान
गुरुवार को नवरात्रि की नवमी तिथि के अवसर पर गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की गई। इस अवसर पर कन्याओं को भोज दिया गया। नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इसे देखते हुए पटना सहित राज्‍य के विभिन्न मंदिरों से लेकर घरों तक में कन्याओं को भोज दिए गए। सजी-धजी छोटी छोटी बच्चियों की पूजा कर उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराया गया।
पंडित राकेश झा शास्त्री ने भगवती पुराण के हवाले से बताया कि नवरात्र में कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है। नवरात्र में छोटी कन्याओं में माता का स्वरूप बताया गया है। तीन वर्ष से लेकर नौ वर्ष की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं। नवरात्र के मौके पर माता पृथ्वी लोक पर आती हैं और कन्याओं में उनका स्वरूप दिखाई पड़ता है।
उन्‍होंने बताया, नवमी तिथि का हवन आदि करने के बाद कन्याओं का पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शास्त्रों के अनुसार एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य, दो कन्याओं की पूजा से भोग और मोक्ष, तीन कन्याओं के पूजन से धर्म अर्थ व काम, चार कन्याओं के पूजन से राज पद की प्राप्ति, पांच कन्याओं के पूजन से विद्या, छह कन्याओं के पूजन से सिद्धि, सात कन्याओं के पूजन से राज्य, आठ कन्याओं के पूजन से संपदा और नौ कन्याओं के पूजन से प्रथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
उन्‍होंने कहा कि शास्त्रों में दो साल की कन्या को कन्या कुमारी, तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति, चार साल की कन्या को कल्याणी, पांच साल की कन्या को रोहिणी, छह साल की कन्या को कालिका, सात साल की कन्या को चंडिका, आठ साल की कन्या को शांभवी, नौ साल की कन्या को दुर्गा और दस साल की कन्या को सुभद्रा माना गया है।

भक्ति से सराबोर दिखा बिहार
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की भक्ति में पूरा बिहार सराबोर दिखा। पंडालों में मां का दर्शन करने लोग उमड़ पड़े। सड़कों पर तिल रखने की भी जगह नजर नहीं अा रही थी। हर तरफ मेले जैसा नजारा रहा। पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

नवरात्रि के दौरान राजधानी की सड़कें भक्तों से पटीं दिखीं। मुख्य रूप से डाक बंगला चौराहा पर काफी भीड़ रही। इसके अलावा बोरिंग रोड, बेली रोड, अशोक राजपथ, नाला रोड, ठाकुरबाड़ी रोड, कदमकुआं सहित शहर के विभिन्न सड़कों के किनारे स्थापित प्रतिमाओं को देखने के लिए लोग उमड़ते रहे। 

इन पंडालों में न केवल राजधानीवासी, बल्कि राज्य के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचे। पूजा पंडालोंं व मंदिरों में भीड़ चरम पर दिखी।

पटना की बात करें तो नवरात्रि को लेकर सुरक्षा की कड़ी व्‍यवस्‍था की गई थी। आज दशहरा के दिन पहले जैसी भीड़-भाड़ तो नहीं, लेकिन ट्रैफिक को व्‍यवस्थित करने के लिए बड़ी संख्‍या में पुलिस अभी भी तैनात है। अब पटना के गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम का इंतजार है।

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