सुशील मोदी ने गिरिराज सिंह को दिया जवाब- PM मोदी-CM नीतीश की जुगलबंदी है अटूट

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अक्सर बिहार के मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर हमलावर रहते हैं। लेकिन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उन्हें उसी अंदाज में जवाब देने से नहीं चूकते।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 11:41 AM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 09:33 PM (IST)
सुशील मोदी ने गिरिराज सिंह को दिया जवाब- PM मोदी-CM नीतीश की जुगलबंदी है अटूट
सुशील मोदी ने गिरिराज सिंह को दिया जवाब- PM मोदी-CM नीतीश की जुगलबंदी है अटूट

पटना, जेएनएन। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जब भी नीतीश कुमार या बिहार सरकार को लेकर कोई बयान देते हैं तो उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी नीतीश कुमार के समर्थन में उतर जाते हैं। गिरिराज सिंह के बयान पर सुशील मोदी उन्हें बिना उनका नाम लिए ही करारा जवाब देते हैं और याद दिला देते हैं कि बिहार में एनडीए का गठबंधन मजबूत है और बिहार में नीतीश ही मुखिया हैं।

मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र में हुई हत्या की घटनाओं के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि अब पानी सर से ऊपर जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें फटकार भी लगाई थी और उसका वीडियो उन्होंने ख़ुद ट्वीट कर सार्वजनिक किया था।

इसपर बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में गिरिराज का नाम लिए बिना कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जुगलबंदी 2020 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर विकास राग को मुखरित करेगी।

लालू प्रसाद के 15 साल के राज में जातीय दंगे हुए और नरसंहारों में सौ से ज्यादा दलित मारे गए। अपहरण उद्योग इतना फला-फूला कि सारे उद्योग-धंधे चौपट हो गए।

सामाजिक न्याय की चादर ओढ़ कर वे बगुला भगत बने रहे और पिछड़ों-अतिपिछडों की हकमारी करते रहे। उनकी सरकार और संगठन में केवल दो.... pic.twitter.com/Gk4KtI9e7A — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 30, 2019

सुशील मोदी के इस ट्वीट का साफ़ अर्थ लगाया जा रहा है कि उन्होंने गिरिराज को दो टूक जवाब दे दिया है कि वह गठबंधन में दरार डालने की जितनी भी कोशिश करें, फ़िलहाल तो BJP नीतीश कुमार को और न ही नीतीश BJP का साथ छोड़ने वाले हैं।  

हालांकि सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में हर बार की तरह राजद शासन काल को याद दिलाते हुए कहा कि लालू प्रसाद के 15 साल के राज में जातीय दंगे हुए और नरसंहारों में सौ से ज्यादा दलित मारे गए। अपहरण उद्योग इतना फला-फूला कि सारे उद्योग-धंधे चौपट हो गए। सामाजिक न्याय की चादर ओढ़कर वे बगुला भगत बने रहे और पिछड़ों-अतिपिछडों की हकमारी करते रहे। उनकी सरकार और संगठन में केवल दो समुदायों को मलाई बांटी जाती रही।

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