पुलिस लाइन में डेंगू के खौफ से सहमे जवान

जलजमाव के बाद नगर अब डेंगू से जूझ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 01:48 AM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 01:48 AM (IST)
पुलिस लाइन में डेंगू के खौफ से सहमे जवान
पुलिस लाइन में डेंगू के खौफ से सहमे जवान

पटना। जलजमाव के बाद नगर अब डेंगू से जूझ रहा है। इसका खतरा अब शहरवासियों की सुरक्षा करने वाले पुलिस जवानों पर भी मंडराने लगा है। पिछले एक सप्ताह में पुलिस लाइन में तैनात तीन जवान और दो दारोगा डेंगू की चपेट में आ गए हैं तो कई को बुखार है। बावजूद पुलिस लाइन में गंदगी का अंबार है और पिछले दो साल से यहां छिड़काव का कोई अता-पता नहीं है। आलम यह है कि बारिश का पानी शौचालय के बाहर सड़ रहा है। ऐसी कई दुश्वारियों से जूझने के बाद भी जवान कार्रवाई के डर से चुप हैं।

घुटने भर पानी में सप्ताह भर गुजारी रात

पुलिस लाइन ग्राउंड में लगे टेंट में करीब 200 से अधिक जवान रहते हैं। पुलिस लाइन के आवासीय भवन में जगह के अभाव के कारण ये जवान पिछले कई महीने से यहीं दिन-रात गुजार रहे हैं। भारी बारिश के दौरान ग्राउंड में घुटने भर पानी जमा हो गया था। पानी हटने में एक सप्ताह गुजर गया। इस दौरान जवान घुटने भर पानी में खाना बनाते थे और बिस्तर से नीचे सिर्फ ड्यूटी जाने के दौरान आते थे। अब पानी सूख चुका है। ग्राउंड में घास है और आसपास कचरे का अंबार है। मच्छरों का प्रकोप ऐसा है कि एक पल भी वहां बैठना बीमारी को बुलावा देना है। टेंट में रहने वाले तीन जवान डेंगू की चपेट में आ गए हैं, जबकि आधा दर्जन से अधिक बुखार से पीड़ित हैं, जिनका उपचार चल रहा है।

छिड़काव के नाम पर कचरे पर गिराया चूना

टेंट में रहने वाले कुछ जवानों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि पिछले दो साल में कभी भी यहां फॉगिंग नहीं हुई। इस बार बरसात के बाद गुरुवार को सिर्फ एक दिन ग्राउंड में चूना गिराया गया, जबकि कई पुलिसकर्मी डेंगू और बुखार से पीड़ित हैं। टेंट में रहने वाले जवान सहमे हैं। यहां शुद्ध पेयजल तक के इंतजाम नहीं हैं। कहें कि यहां किसी प्रकार की सुविधा ही नहीं है। अपने सीनियर से सुविधा या कमी बताने पर डर लगता है कि कहीं कोई कार्रवाई न हो जाए।

बाहरी रहते हैं छत के नीचे, जवान मैदान में

जवानों ने बताया कि पुलिस लाइन में अधिकांश कमरे ऐसे हैं, जिसमें पहले रह रहे जवानों का तबादला दूसरे जिलों में हो चुका है। बावजूद उनके सामान और बेड कमरे में ही पड़े हैं। इसकी वजह से लाइन में तैनात जवानों को टेंट में रहना पड़ रहा है। एक जवान ने बताया कि कई कमरे तो ऐसे हैं, जिसमें बाहरी लोग रात गुजारते हैं। इसमें ऑटो वाले व मजदूर तक शामिल हैं।

शौचालय बदहाल, नहीं काटा गया गिरा पेड़

जवानों ने बताया कि पिछले महीने बारिश से पुलिस बैरक और मैग्जीन बैरक पर दो पेड़ गिर गए, लेकिन अभी गिरे हुए पेड़ को काटकर हटाया नहीं गया। इसकी वजह से वहां गंदगी है और आने-जाने में परेशानी हो रही है। शौचालय के बाहर की जो स्थिति है वह डेंगू और मलेरिया को बुलावा दे रही है। पानी सड़ गया है। इसकी वजह से जवानों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं। बैरक में रहने वाले जवान भी बीमारी के डर से कमरे से बाहर नहीं आते हैं।

तारों का मकड़जाल, शॉर्ट-सर्किट का खतरा

पुलिस बैरक में बिजली के लिए जवान कटिया (टोका फंसाना) का इस्तेमाल कर रहे हैं। तारों का मकड़जाल है और उसपर ईट-पत्थर लटक रहे हैं। इससे हर पल शॉर्ट-सर्किट का खतरा बना रहता है।

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पुलिस लाइन में निर्माण कार्य चल रहा है। छिड़काव का काम भी हो रहा है। जहां बारिश का पानी ठहरा है, वहां भी साफ-सफाई और फागिंग कराई जाएगी।

- गरिमा मलिक, एसएसपी

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