Coronavirus Patna: एम्स में 225 मरीजों की प्लाज्मा थेरेपी, 60 फीसद की बचाई गई जान

बिहारा की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण के बीच जान बचाने की कवायद भी तेज है। एम्स में 225 मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसमें 60 फीसद मरीजों की जान बचाई गई।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 08:57 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 08:57 PM (IST)
Coronavirus Patna: एम्स में 225 मरीजों की प्लाज्मा थेरेपी, 60 फीसद की बचाई गई जान
Coronavirus Patna: एम्स में 225 मरीजों की प्लाज्मा थेरेपी, 60 फीसद की बचाई गई जान

पटना, जेएनएन। एम्स पटना में प्लाज्मा थेरेपी से संक्रमितों की जान बचाने की कवायद तेजी से चल रही है। गुरुवार तक एम्स में 225 मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसमें 60 फीसद मरीजों की जान बचाई गई। अखिल भारतीय आयुॢवज्ञान संस्थान (एम्स) में बीते दो जुलाई से प्लाज्मा थेरेपी हो रही है। चार सितंबर तक कोरोना से स्वस्थ हुए 251 लोग प्लाज्मा दान कर चुके थे।

आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार इलाज

एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी से अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार इलाज हो रहा है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नेहा सिंह ने कहा कि आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार जिन लैब को मान्यता दी गई है, उन्हीं की रिपोर्ट यहां मान्य है। इसी के अनुसार डोनर की स्क्रीनिंग की जा रही है।

हेल्प डेस्क से दूर होगी परेशानी

एम्स में प्लाज्मा दान करने या मरीज को चढ़ाने के लिए नहीं मिलने पर आप हेल्प डेस्क को फोन करते हैं। 8544423468 पर आपको 24 घंटे जानकारी मिलेगी।

हर दिन प्लाज्मा दान कर रहे आठ से 10 कोरोना विजेता

हर दिन आठ से 10 मरीजों का प्लाज्मा लिया जा रहा है। कोरोना को हराने के 28 दिन बाद आप प्लाज्मा दान कर सकते हैं। इसके लिए एम्स ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. नेहा सिंह को 9993028936, डॉ. नवनीता को 9599274710 तथा डॉ. नीरज को 8505864856 पर कॉल कर सकते हैं।

पटना में 22 हजार से अधिक संक्रमित, 175 ने गंवाई जान

बिहार की राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शहर में 22 हजार से अधिक संक्रमित हो चुके हैं। इनमें स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक है। पटना में ज्यादातर लोगों ने घर में रहकर ही कोरोना को मात दी है। 22 हजार संक्रमितों में अबतक 175 लोग कोरोना से अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच प्रशासन की तरफ से सख्ती बरकरार है।

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