Corona Lockdown: बिहार में अब अप्रवासी सियासत, तेजस्‍वी ने CM नीतीश को दी राजधर्म की नसीहत

Corona Lockdown कोरोना लॉकडाउन में बड़ी संख्‍या में बिहारी अप्रवासी बाहर फंस गए हैं। इस मुद्दे पर तेजस्‍वी यादव ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा तो जेडीयू ने भी पलटवार किया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sat, 18 Apr 2020 12:08 PM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2020 03:06 PM (IST)
Corona Lockdown: बिहार में अब अप्रवासी सियासत, तेजस्‍वी ने CM नीतीश को दी राजधर्म की नसीहत
Corona Lockdown: बिहार में अब अप्रवासी सियासत, तेजस्‍वी ने CM नीतीश को दी राजधर्म की नसीहत

पटना, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को रोक इसकी चेन को तोड़ने के लिए पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। इस दौरान लाखों बिहारी अप्रवासी घरों की ओर पलायन कर गए, लेकिन बड़ी संख्‍या में अप्रवासी कामगार व छात्र अभी भी दूर के राज्‍यों में फंसे पड़े हैं। उन्‍हें लेकर बिहार की नीतीश सरकार लॉकडाउन समाप्‍त होने तक उन्‍हें वहीं पर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के पक्ष में है। इन अप्रवासी बिहारियों को लेकर अब बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है।

बाहर फंसे आप्रवासियों की समस्‍याओं को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल खड़े किए तथा उन्‍हें राजधर्म का पाठ पढ़ाया। जवाब में सत्‍ताधारी जनता दल यूनाइटेड ने भी पलटवार किया है।

तेजस्‍वी का सवाल: मजदूरों और छात्रों से बेरुखी भरा व्यवहार क्यों?

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया है कि बिहार सरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों हैं? अप्रवासी मजबूर मजदूरों और छात्रों से इतनी बेरुखी भरा व्यवहार क्यों है? बिहार में तीन दिनों में तीन गरीब मजदूरों की मृत्यु हो चुकी है। उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है?

आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी,

बिहार सरकार आख़िरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों हैं ? अप्रवासी मजबूर मज़दूर वर्ग और छात्रों से इतना बेरुख़ी भरा व्यवहार क्यों है?3 दिन में बिहार के 3 ग़रीब मज़दूरों की मृत्यु हो चुकी है।उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है? https://t.co/O9o91bRxtC" rel="nofollow

— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 18, 2020

सरकार से पूछा: कोटा से आए बिहारी छात्रों को सीमा पर ही रोका?

तेजस्‍वी यादव ने कोटा में फंसे उत्‍तर प्रदेश के छात्रों को वहां से निकालने के यूपी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए एक और ट्वीट में लिखा है कि बिहार के हजारों छात्र कोटा के जिलाधिकारी से विशेष अनुमति लेकर आए, लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें राज्‍य की सीमा पर ही रोक दिया। विद्यार्थी हो या अप्रवासी मजदूर, बिहार सरकार ने संकट में सभी को त्याग दिया है।

उप्र के मुख्यमंत्री का यह कदम सराहनीय है लेकिन बिहार का क्या करे जहाँ हज़ारों छात्र कोटा के ज़िलाधिकारी से विशेष अनुमति लेकर आएँ लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें बिहार सीमा पर रोक प्रदेश में नहीं घुसने दिया?विद्यार्थी हो या अप्रवासी मज़दूर बिहार सरकार ने संकट में सभी को त्याग दिया है। https://t.co/5phxwrzzB2" rel="nofollow — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 17, 2020

तेजस्‍वी यादव ने नीतीश कुमार को पढ़ाया राजधर्म का पाठ

एक अन्‍य ट्वीट में तेजस्‍वी ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को राजधर्म का पाठ भी पढ़ाया है। उन्‍होंने लिखा है कि अप्रवासी राज्य के मानव संसाधन हैं। ये सभी कुशल, अर्द्ध कुशल व अकुशल श्रमिक राज्य के कमाऊ पूत हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष 50 से 60 हजार करोड़ का अंशदान देते हैं। उन्हें संकट की घड़ी में राज्य द्वारा इस तरह छोड़ देना नैतिकता, मानवता और राजधर्म के विरुद्ध है।

तेजस्‍वी के हमले पर जेडीयू नेताओं ने किए ताबड़तोड़ पलटवार

तेजस्वी के ट्वीट अटैक का जेडीयू ने ताबड़तोड़ जवाब दिया। जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्‍वी को चिंता नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि जो लोग बाहर से बिहार आए हैं या जो बिहार के बाहर हैं, नीतीश सरकार उनका पूरा ध्‍यान रख रही है। उनके रोजगार से लेकर रहने-खाने तक का इंतज़ाम किया गया है। निखिल मंडल ने तेजस्‍वी के बिहार से बाहर होने की बात कहते हुए तेज किया कि जब फुरसत मिले, बिहार आ जाइएगा।

जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी यादव केवल बयान देते हैं। जब भी बिहार में संकट आता है, गायब हो जाते हैं। बयान का क्‍या है, कहीं से देते रहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार सबों की चिंता करते हैं। आप भी बिहार के बाहर हैं। हमें आपकी भी चिंता है। बताइएगा,  तुरंत समस्या सुलझ जाएगी। एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने तेजस्‍वी यादव को सर्टिफायड भ्रष्‍टाचारी पार्टी से जुड़ा बता दिया।

मानवता, राजधर्म,नैतिकता का पाठ विपदा और आपदा की घड़ी में ऐसे लोग पढ़ा रहे हैं जिनका इन तीनो शब्द से कभी कोई वास्ता नहीं रहा । सर्टिफ़ायड भ्रष्टाचारी पार्टी के ये लोग बताए की जो धन भ्रष्टाचार से अर्जित किया हैं आज उसपे पहला हक़ किसका हैं ? दान का धर्म आज करो पाप कम हो जाएँगे https://t.co/1gkZMiOAj2" rel="nofollow — Dr Ajay Alok (@alok_ajay) April 17, 2020

विधानसभा चुनाव को ले सियासत, आप्रवासी वोटों पर नजर

बिहार में यह विधानसभा चुनाव का साल है। कोरोना ने चुनावी सियासत पर ग्रहण लगा दिया है, लेकिन नजरें तो चुनाव पर टिकी ही हैं। ऐसे में अप्रवासी बिहारियों की समस्याओं को लेकर सियासत होने लगी है। ये आप्रवासी बिहार विधान सभा चुनाव में महत्वपूर्ण वोट बैंक होने वाले हैं। इस कारण उनपर राजनीतिक दलों की नजर है। अगर नीतीश सरकार अप्रवासी बिहारियों की समस्‍याओं का समाधान कर दे तो एक बड़ा वोट बैंक उसके पक्ष में हो सकता है। उधर विपक्ष आप्रवासियों की नाराजगी को भुनाने में लगा है।

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