Bihar politics: पटना में बोले RSS चिंतक राम माधव- हिंदू थे पसमांदा समाज के पूर्वज, धर्म बदला; स्थिति वही

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. संजय पासवान सहित पूर्व व वर्तमान विधान परिषद सदस्यों ने संविधान देवी के जयकारे लगाए। एमएलसी डा. संजय पासवान ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् हमारे संविधान का प्रमुख मंत्र है। मौका था विधान परिषद सभागार में वंचित पसमांदा विमर्श एवं समाज विषय पर आयोजित विमर्श का।

By Jai Shankar BihariEdited By: Publish:Sat, 26 Nov 2022 08:32 PM (IST) Updated:Sat, 26 Nov 2022 09:38 PM (IST)
Bihar politics: पटना में बोले RSS चिंतक राम माधव- हिंदू थे पसमांदा समाज के पूर्वज, धर्म बदला; स्थिति वही
कार्यक्रमका को संबोधित करते आरएसएस चिंतक राम माधव साथ में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. संजय पासवान व अन्य।

जागरण संवाददाता, पटना : देश में रहने वाले पसमांदा समाज के पूर्वज हिंदू थे। उन्हें बताया गया था कि इस्लाम में वर्ग विभेद नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है। धर्म बदला, पर स्थिति वही रही। लंबे समय तक सरकार इस सच्चाई पर पर्दा डालती रही। वंचित जब हक की आवाज उठाते तो उन्हें विभाजनकारी बताया जाता था। उक्त बातें शनिवार को पूर्व सांसद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक राम माधव ने संविधान दिवस पर बिहार विधान परिषद सभागार में ‘वंचित पसमांदा विमर्श एवं समाज’ विषय पर अपने संबोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार आदिवासी को राष्ट्रपति और किसी पिछड़े को प्रधानमंत्री जैसे पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। उद्घाटन समारोह में संविधान को देवी मानकर पूजा की गई और जयकारे लगाए गए।

योजना का 15 से 20 प्रतिशत पसमांदा उठाते हैं लाभ

राम माधव ने कहा कि पसमांदा और वंचितों के लिए सैकड़ों योजनाएं चल रही हैं। इसका लाभ सिर्फ 15 से 20 प्रतिशत ही उठा पाते हैं। मुसलमानों की 75 प्रतिशत आबादी गरीब और पसमांदा है, लेकिन इन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता है। कानूनी प्रक्रिया द्वारा भी वे आवाज नहीं उठ पाते हैं। आज जब आवाज उठ रही है तो कल परिवर्तन भी आएगा। मांग अगर जायज है तो उसे संभव किया जाएगा और जो असंभव लग रहा है उसे भी अथक प्रयासों के माध्यम से संभव किया जाएगा। 

सामजिक व आर्थिकस्थिति में विशेष बदलाव नहीं

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सांसद प्रो. संजय पासवान ने कहा कि पसमांदा समाज के पूर्वज हिंदू होते हुए जो कार्य करते थे, मुस्लिम बनने के बाद उनके वंशज भी उसी पेशे में लग गए। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में विशेष बदलाव नहीं हुआ। एमएलसी गुलाम गौस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की प्रशंसा करते हुए सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्र कमेटी की रिपोर्ट लागू करने पर बल दिया। पूर्व सांसद साबिर अली ने केंद्र की पसंमादा नीति की प्रशंसा कर राज्य सरकारों को भी इस पर अमल को कहा। कार्यक्रम में पूर्व सांसद सलखान मुर्मु, अख्तरी बेगम, विजय चौधरी, जावेद अली, आरएल फ्रांसिस, हुमायूं अंसारी आदि ने भी विचार रखे।

इन्हें मिला नीलकंठ सम्मान

कार्यक्रम में आरएल फ्रांसिस, प्रमिला प्रजापति, कर्पूरी ठाकुर के पुत्र वीरेंद्र ठाकुर, अख्तरी बेगम, निशा मदन झा, अली इमाम भारती को नीलकंठ सम्मान से अतिथियों ने सम्मानित किया।

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