पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में कांग्रेस, महिला-युवा वोट बैंक पर नजर

इनदिनों बिहार कांग्रेस ने अपना पुराना हथिायर अपनाने की जुगाडड़ में लग चुका है। वह अपने पुराने पारंपरिक महिला औ्र युवा वोट पर सारा ध्याव केंद्रित कर रखा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 May 2018 01:41 PM (IST) Updated:Fri, 25 May 2018 01:41 PM (IST)
पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में कांग्रेस, महिला-युवा वोट बैंक पर नजर
पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में कांग्रेस, महिला-युवा वोट बैंक पर नजर

पटना [सुनील राज]। बिहार में कभी नीतीश कुमार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली कांग्रेस अब अपने इस पुराने सहयोगी के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में है।

पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण, महिलाओं की पुकार पर बिहार में शराबबंदी, दहेज एवं बाल विवाह पर प्रतिबंध, स्कूली लड़कियों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री साइकिल योजना, बेटियों के जन्म से लेकर ग्रेजुएट होने तक तकरीबन 52 हजार रुपये की आर्थिक मदद और बारहवीं पास युवक-युवतियों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं की वजह से बिहार में नीतीश कुमार को महिलाओं, युवतियों का जबर्दस्त समर्थन प्राप्त है।

2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद और कांग्रेस महागठबंधन की ऐतिहासिक विजय में इस वोट बैंक का बड़ा हाथ था। इस वोट बैंक के समर्थन का ही नतीजा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे कद्दावर नेता की तकरीबन तीन दर्जन चुनावी सभाएं भी महागठबंधन को बिहार में जीतने से रोक नहीं सकी।

समय के साथ बिहार का यह महागठबंधन टूटा और जदयू एनडीए में शामिल हो गया है। कांग्रेस जानती है कि 18 वर्ष की उम्र पार कर चुकी युवतियों और महिलाओं के वोट बैंक की मदद के बगैर बिहार में जदयू को पटखनी देना आसान नहीं होगा। इसलिए इस वोट बैंक में सेंधमारी के इरादे से कांग्रेस ने युवती कांग्रेस का गठन किया है। प्रदेश कांग्रेस में महिला और यूथ कांग्रेस जैसे फ्रंटल संगठन तो हैं, लेकिन युवती कांग्रेस जैसा कोई फ्रंटल संगठन नहीं था। आलाकमान की रजामंदी के बाद युवती कांग्रेस की शुरुआत हो गई है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रभारी शारदा राठौर ने इसकी विधिवत शुरुआत कर दी है।

युवती कांग्रेस के जरिए पार्टी एक ओर जहां 18 से 30 वर्ष तक की युवतियों को कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास करेगी, वहीं दूसरी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की ओर करने की कोशिश होगी।

शारदा राठौर कहती हैं कि युवती कांग्रेस के गठन से एक ओर जहां युवतियों को राजनीति में आने का मौका मिलेगा वहीं दूसरी तरफ वैसे युवा जो पहली बार मतदान करेंगे उन्हें वोट के अधिकार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। युवक-युवतियां सही फैसला लेंगे तभी बिहार की किस्मत में बदलाव भी आएगा। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी और महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण कहती हैं कि युवती कांग्रेस का गठन फिलहाल प्रदेश स्तर पर हुआ है। बाद में इसे जिला और प्रखंड स्तर तक ले जाया जाएगा।

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