सीएम नीतीश ने खोला राज, बिहार की महिलाएं उन्हें क्यों कहती हैं क्विंटलवा बाबा

बिहार की सीमांचल क्षेत्र की महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम बदल दिया है। उनका नाम क्विंटलवा बाबा रख दिया है। खुद नीतीश ने ये बात बतायी है। जानिए क्या है वजह....

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 08 Nov 2018 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Nov 2018 10:59 PM (IST)
सीएम नीतीश ने खोला राज, बिहार की महिलाएं उन्हें क्यों कहती हैं क्विंटलवा बाबा
सीएम नीतीश ने खोला राज, बिहार की महिलाएं उन्हें क्यों कहती हैं क्विंटलवा बाबा

पटना [जेएनएन]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बिहार की महिलाओं ने उनका नाम बदल दिया है और वे उन्हें क्विंटलवा बाबा कहती हैं। उन्हें नीतीश कुमार के नाम से नहीं बल्कि क्विंटलवा बाबा के नाम से पुकारा जाता है। 

मुख्यमंत्री मंगलवार को पटना के अधिवेशन भवन में बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकार की स्थापना दिवस के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि जब वे सीमांचल इलाके में गए तो कुछ लोगों ने उनसे कहा कि अब से उनका नाम बदल गया है। ये सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ। सुनकर जब लोगों से पूछा तो पता चला कि उनका नाम महिलाओं ने क्विंलवा बाबा रख दिया है। महिलाओं ने खुश होकर उनका ये नामकरण किया है।

पूछे जाने पर पता चला कि कुछ साल पहले सीमांचल गए थे और वहां बाढ़ पीड़ितों के लिए एक क्विंटल अनाज देने का आदेश दिया था और इससे खुश होकर महिलाओं ने नीतीश कुमार का नाम क्विंटलवा बाबा रख दिया था।

नीतीश ने बताया कि 2007 में सीमांचल में भीषण बाढ़ आयी ती और बाढ़पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने अनाज के खजाने खोल दिए थे। हर परिवार को एक-एक क्विंटल अनाज देने का आदेश दिया था। सभी घरों को अनाज पहुंचाया गया। इससे खुश होकर ही महिलाओं ने उनका नाम बदल दिया था। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि आपदा के प्रति लोगों में जागरूकता जरूरी है। हमें जापान से यह सीखना चाहिए कि भूकंप से कैसे प्रभावी रूप से बचाव किया जा सकता है। अधिवेशन भवन में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ग्यारहवें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के रोड मैप पर पूरी तरह से सचेत रहना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आपदा की आशंका वाला राज्य है। हर वर्ष इसे बाढ़ झेलनी पड़ती है। इस बार  हमलोग सूखे का सामना कर रहे हैैं। हमें यह देखना चाहिए कि भूकंप आने की परिस्थिति में कम से कम नुकसान हो। भूकंप को ध्यान में रख ठीक से आधारभूत संरचना का निर्माण हो।

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