पुलिस गार्ड लेकर घूमता था सिवान का व्‍यवसायी, छह साल बाद मिले नोटिस ने छुड़ा दिया पसीना

सिवान जिले के मैरवा के एक व्‍यवसायी को छह साल पहले पुलिस की ओर से सुरक्षा गार्ड उपलब्‍ध कराया गया था। कुछ महीने के बाद इस गार्ड को पुलिस विभाग ने वापस भी बुला लिया। अब एक नोटिस ने व्‍यवसायी की नींद हैरान कर दी है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 01:27 PM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 01:27 PM (IST)
पुलिस गार्ड लेकर घूमता था सिवान का व्‍यवसायी, छह साल बाद मिले नोटिस ने छुड़ा दिया पसीना
पुलिस से कोर्ट तक गुहार लगाता फिर रहा व्‍यवसायी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मैरवा (सिवान), संवाद सूत्र। सिवान जिले के मैरवा के एक व्‍यवसायी को छह साल पहले पुलिस की ओर से सुरक्षा गार्ड उपलब्‍ध कराया गया था। कुछ महीने के बाद इस गार्ड को पुलिस विभाग ने वापस भी बुला लिया। बात आई-गई हो गई। लेकिन छह साल बाद प‍ुलिस विभाग से मिले नोटिस ने व्‍यवसायी की नींद हैरान कर दी है। दरअसल मैरवा के एक रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी की छह वर्ष पहले हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद व्यवसायी के पुत्र को पुलिस की ओर से गार्ड उपलब्‍ध कराया गया था। अब इस सेवा के एवज में 1.77 लाख रुपये भुगतान करने के लिए पुलिस विभाग से नोटिस भेजा गया है। भुगतान नहीं करने पर व्यवसायी पुत्र के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दाखिल कर दिया गया है।

पुलिस विभाग की कार्रवाई के विरुद्ध व्यवसायी पुत्र ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव से न्याय की गुहार लगाई है। मृत व्यवसायी के पुत्र दीपक कुमार उर्फ मंटू ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को आवेदन देकर कहा है कि बदमाशों द्वारा पिता की हत्या कर दिए जाने के बाद मैरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। उसी क्रम में उनकी सुरक्षा के लिए तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक द्वारा एक अंगरक्षक प्रतिनियुक्त कर दिया गया, जबकि सुरक्षा या अंगरक्षक के लिए न तो कोई आवेदन देकर अनुरोध किया गया और न ही कभी मौखिक इसकी कभी उन्होंने मांग की। कुछ समय बाद अंगरक्षक को वापस बुला लिया गया। दीपक ने कहा है कि एसपी कार्यालय से उन्हें अंगरक्षक के भुगतान के लिए एक नोटिस मिला है। नोटिस देख वे हतप्रभ हो गए। इसको लेकर उन्होंने आरक्षी अधीक्षक के कार्यालय में मिलकर बताया कि अंगरक्षक या सुरक्षा की मांग उन्होंने कभी नहीं की।

व्‍यवसायी पुत्र का कहना है कि पुलिस प्रशासन द्वारा अपनी मर्जी से उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद पुलिस विभाग द्वारा नीलाम पत्र वाद दाखिल कर एक लाख 77 हजार 20 रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। बता दें कि छह 24 अगस्त 2015 की देर शाम बदमाशों ने स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग कर व्यवसायी प्रेम कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्या की घटना के बाद दहशत का माहौल कायम हो गया था। अपराध के खिलाफ व्यवसायी सड़क पर उतर गए। सड़क पर आगजनी कर मैरवा बंद करा दिया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने व्यवसायी पुत्र की सुरक्षा के लिए एक अंगरक्षक उपलब्ध करा दिया।

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