बूथों पर हाई स्पीड ब्रॉड बैंड, लाइव देखा जाएगा मतदान

जिले के नक्सल प्रभावित पालीगंज मसौढ़ी और टाल-दियारा क्षेत्र बख्तियारपुर के बूथों की सीधी निगरानी करेगा चुनाव आयोग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 16 May 2019 08:17 AM (IST)
बूथों पर हाई स्पीड ब्रॉड बैंड, लाइव देखा जाएगा मतदान
बूथों पर हाई स्पीड ब्रॉड बैंड, लाइव देखा जाएगा मतदान

जितेंद्र कुमार, पटना। जिले के नक्सल प्रभावित पालीगंज, मसौढ़ी और टाल-दियारा क्षेत्र बख्तियारपुर में मतदान की हर गतिविधि पर चुनाव आयोग के बड़े अधिकारियों की सीधी निगाह रहेगी। इस क्षेत्र के कई बूथों पर मतदान की लाइव वेबकास्टिंग की तैयारी की गई है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने इन बूथों तक हाई स्पीड ब्रॉड बैंड कनेक्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराई है। आयोग के अधिकारी वेबकास्टिंग के जरिये मतदान प्रक्रिया को सीधे देख सकते हैं।

जिन बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जा रही है, उनमें ग्रामीण क्षेत्र में मसौढ़ी, पालीगंज, बिहटा, दानापुर कैंट, बख्तियारपुर के अलावा पटना शहरी क्षेत्र में राजभवन मध्य विद्यालय स्थित बूथ शामिल हैं। बीएसएनएल ने वेबकास्टिंग के लिए क्षेत्रीय टेलीफोन एसडीओ, जूनियर इंजीनियर, लाइनमैन और जेटीओ की निगरानी में बूथों पर विशेष केबल लगाई है। बूथों पर ब्रॉड बैंड कनेक्शन के लिए ही नई व्यवस्था की गई है।

बीएसएनएल सूत्रों के अनुसार बख्तियारपुर, निरीक्षण डाकबंगला राघोपुर, मसौढ़ी के शेखसरिया, प्रखंड कार्यालय पालीगंज, बुनियादी विद्यालय पालीगंज, मध्य विद्यालय बिहटा, केंद्रीय विद्यालय शेखपुरा, मध्य विद्यालय राजभवन परिसर, छावनी पर्षद दानापुर, जीडी पाटलिपुत्र हाई स्कूल, प्रखंड और अंचल कार्यालय फुलवारीशरीफ बूथ पर मतदान को निर्वाचन आयोग लाइव देखेगा।

पहली बार बूथ पर ब्रॉड बैंड की व्यवस्था

अब तक के चुनावों में इंटरनेट सेवा के लिए डोंगल का उपयोग किया जाता था। लिहाजा हाई स्पीड इंटरनेट के अभाव में तस्वीरें धुंधली आती थीं। इस बार निर्वाचन आयोग ने बीएसएनएल को ब्रॉड बैंड कनेक्शन देने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी को वेबकास्टिंग के लिए लैपटॉप और कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करनी है। ऑपरेटर को निर्वाचन कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति और भत्ता का भुगतान किया जाएगा।

क्या है वेबकास्टिंग का मकसद

बूथों पर समय से मतदान की प्रक्रिया की निगरानी होगी। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो निर्वाचन आयोग सीधे देख सकता है। गड़बड़ी करने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी। बूथ पर वेबकास्टिंग सिस्टम में पुलिस और दंडाधिकारी के कर्तव्य की निगरानी की जा सकती है। समय से मतदान आरंभ और ईवीएम सील करने तक का वीडियो निर्वाचन आयोग के पास रिकार्ड में होगा।

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