Bihar Vidhan Sabha News: बिहार और विकास के बिनाह पर खड़े हो रहे दल

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनने के साथ ही सियासी दलों के गठन का सिलसिला भी तेज हो गया है। पिछले कुछ दिनों में कई नेताओं ने आयोग में पार्टियों के निबंधन के लिए आवेदन दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 08:19 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 08:35 PM (IST)
Bihar Vidhan Sabha News: बिहार और विकास के बिनाह पर खड़े हो रहे दल
Bihar Vidhan Sabha News: बिहार और विकास के बिनाह पर खड़े हो रहे दल

रमण शुक्ला, पटना। विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनने के साथ ही सियासी दलों के गठन का सिलसिला भी तेज हो गया है। सामाजिक संगठन चलाने वाले नए-नए नेता के रूप में उभर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में कई नेताओं ने आयोग में पार्टियों के निबंधन के लिए आवेदन दिया है। अहम यह है कि अधिसंख्य दलों के साथ बिहार या विकास शब्द जुड़ा हुआ है। जाहिर है कि दलों के गठन में प्रदेश की राजनीतिक अस्मिता का पूरा ख्याल रखा जा रहा। मतदाताओं को बिहार से लगाव है और विकास की दरकार है। राजनेता इसे भुनाने का दांव चल रहे। बिहार विधानसभा चुनाव-2020 को लेकर 12 से अधिक पार्टियां अस्तित्व में आ गईं हैं। इन पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों का दावा है कि उनका दल सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। यह बात दीगर है कि अभी तक नए बने दलों के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष नहीं बने हैं। इसी तरह मुकम्मल तौर पर प्रदेश संगठन भी अस्तित्व में नहीं आया है। दिलचस्प यह है कि राष्ट्रीय जन-जन विकास पार्टी (आरजेजेपी) भी अस्तित्व में आ गया है। सामाजिक संगठन के सहारे अब आशुतोष कुमार (आरजेजेपी) सियासत से रसूख बनाने की जुगत में हाथ-पांव मार रहे हैं। पार्टी विकासवाद पर काम करेगी। इसी तरह क्रांतिकारी विकास दल भी बिहार के बदलाव का अलख जगाने में जुटा है।

प्रदेशव्यापी संगठन विस्तार का दंभ

पूर्व नौकरशाह अनूप श्रीवास्तव ने राष्ट्रवादी विकास पार्टी के नाम से नया राजनीतिक दल बनाया है। उन्होंने विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के उम्मीदवार सभी 243 सीटों पर उतारने का फैसला किया है। पार्टी का दावा है कि वह समाज में सामाजिक सौहार्द और समग्र विकास लाने के लिए प्रयासरत है। भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के सेवानिवृत्त अधिकारी श्रीवास्तव का दावा है कि यह राजनीतिक संगठन अलग तरह का होगा। यह ओछी राजनीति नहीं करेगा बल्कि समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम करेगा। भारत निर्वाचन आयोग में पार्टी का पंजीकरण जल्द से जल्द कराने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। कई नेता तो महज चुनाव लडऩे के लिए नया दल बनाने की कवायद में जुटे हैं। वंचित समाज पार्टी भी है। चुनाव लड़ाने का दावा कर रही है। दिलचस्प यह है कि चुनाव में राजनैतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार हटाने के दावे तो बहुत सुने होंगे, लेकिन इस बार भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी भी अस्तित्व में आने को बेकरार है। अजीबोगरीब नामों वाली इन पार्टियों की मंशा क्षेत्र और समाज के नाम पर वोट लेने के साथ-साथ बड़ी पार्टियों से मिलता-जुलता नाम रखकर उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की है।

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