बिहार में नेताओं के बिना सूनी हुई शादियों की रौनक, अब नहीं लग पा रहा हैसियत का अंदाजा

बिहार की शादियों में बैंड बाजे के साथ बारात है पर वीवीआइपी मेहमान नहीं नजर आ रहे हैं। राज्य में मंत्रियों के साथ विधायकों की मांग विवाह में रहती है। अब जाने के बदले फोन पर बातचीत कर ली जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 06:47 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 06:47 PM (IST)
बिहार में नेताओं के बिना सूनी हुई शादियों की रौनक, अब नहीं लग पा रहा हैसियत का अंदाजा
बिहार की शादियों में नेताओं की खल रही कमी। प्रतीकात्मक तस्वीर।

अरुण अशेष, पटना: कोरोना के डर के बावजूद शादियां हो रही हैं। बैंड बाजे के साथ बारात निकल रही है। डांस हो रहा है। दूरी बनाकर ही सही लोग भोज का आनंद ले रहे हैं। फिर भी एक बड़ी कमी नजर आ रही है। वीवीआइपी मेहमान नहीं हैं। लिहाजा कन्या और वर पक्ष को एक दूसरे की सही हैसियत का अंदाजा नहीं लग रहा है। पहले पता चल जाता था कि वीवीआइपी को दरवाजे पर उतारने में कौन पक्ष भारी पड़ा। शुभकामना संदेश का इस्तेमाल प्रमाण पत्र की तरह हो रहा है-देखिए, वे नहीं आए। संदेशा आ गया। संदेश कागज पर मुद्रित होकर आ रहे हैं। व्हाटएप पर आ रहे हैं। फोन पर भी आ रहे हैं, जिन्हें लोग रिकॉर्ड कर दूसरों को सुना रहे हैं...मंत्रीजी का भी आया था। 

हर जगह दिख जाते थे कुछ चेहरे...

राजधानी की शादियों में कुछ चेहरे हर जगह दिख जाते थे। पटना सिटी के किसी शादी समारोह में पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव न मिलें, यह संभव नहीं था। वह राजधानी की अन्य शादियों में शिरकत करते थे। लेकिन, पटना सिटी में उनकी मौजूदगी अपरिहार्य होती थी। नंदकिशोर यादव इस लगन में घर से नहीं निकले। बताते हैं-ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी संक्रमित हैं। हम भी होम आइसोलेशन में हैं। निमंत्रण देने वालों से फोन पर बातचीत कर लेते हैं।

...और टूट गई पुरानी जोड़ी

एक दौर में राम-श्याम की जोड़ी शादी समारोहों के लिए साथ निकलती थी। रामकृपाल यादव भाजपा में हैं। सांसद बनकर दिल्ली चले गए। श्याम रजक राजद-जदयू-राजद की सैर करते रहे। दोनों की जोड़ी टूट गई। अलग-अलग ही सही-दोनों शादी में जाते थे। अबकी दोनों कहीं जाने से बच रहे हैं। श्याम रजक होम आइसोलेशन में हैं। कहीं नहीं जाते। 

35-40 शादियों में जाने का रिकॉर्ड

शादी में वीवीआइपी की अनिवार्य उपस्थिति सिर्फ राजधानी का विषय नहीं है। क्षेत्रीय विधायकों-सांसदों पर भी यह लागू है। मुजफ्फरपुर जिला के पारू के भाजपा विधायक अशोक सिंह के पास एक रात में 35-40 शादियों में जाने का रिकॉर्ड है। वह भी कोरोना के चलते परहेज कर रहे हैं। कुछ विधायक फेसबुक  पर ही न्यौता देने वालों से माफी रहे हैं। खुद या किसी स्वजन के संक्रमित होने की जानकारी देकर कह रहे हैं कि इस सीजन में हमसे सजावट की उम्मीद न रखें। 

कोरोना के कारण कहीं नहीं जा पा रहे

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम पांच दिन पहले दिल्ली से आए। बड़ी संख्या में शादी का निमंत्रण मिल रहा है। लेकिन, कोरोना के कारण कहीं जा नहीं रहे हैं। पत्र भेज देते हैं। फोन पर बातचीत कर लेते हैं। लोग हमारी मजबूरी को समझ सकते हैं।

इस लगन में कोई दबाव नहीं

मानव संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि एक अच्छी प्रवृति देख रहे हैं। पहले लोग शादी में आने के लिए दबाव देते थे। इस लगन में कोई दबाव नहीं है। बड़ी संख्या में आमंत्रण आ रहा है। हम फोन पर न आने की मजबूरी बता देते हैं। लोग सहमत हो रहे हैं कि यह समय भीड़ में जाने का नहीं है। गांव-देहात में भी शादी समारोहों में अधिक भीड़ नहीं हो रही है। यह बताता है कि कोरोना से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है।

फोनकर बोला, आना संभव नहीं

जल संसाधन विभाग में मंत्री संजय झा ने कहा कि दरभंगा और मधुबनी से इस बार शादी से अधिक उपनयन का निमंत्रण आया था। एक-एक आदमी से फोन पर बातचीत कर बता दिया कि कोरोना के चलते आना संभव नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर आएंगे। मैंने लोगों से आग्रह भी किया कि समारोह में अधिक भीड़ न जुटाएं। लोग आग्रह को मान भी रहे हैं।

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