Bihar Politics: पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को नरसंहार मुक्त बिहार सौंपा था : राजद
Bihar Politics राष्ट्रीय जनता दल ने सत्ता पक्ष पर बिहार के मधुबनी में हुई घटना के बहाने पलटवार किया है। पार्टी का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अगर मुखर नहीं होते तो मधुबनी कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती।
राज्य ब्यूरो, पटनाः बिहार के मधुबनी में हुई घटना के बहाने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने सत्ता पक्ष पर पलटवार किया है। कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अगर मुखर नहीं होते तो आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को नरसंहार मुक्त बिहार सौंपा था। नरसंहारों की लिस्ट लेकर घूमने वाले जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह को इतिहास ठीक से पढ़ लेना चाहिए।
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनते ही शुरू हुआ नरसंहार
उन्होंने कहा कि बिहार में नरसंहार की शुरुआत 1976 में अकौडी (भोजपुर) और 1977 में बेलछी से हुई थी। विरासत में मिले इस दौर को राजद शासनकाल में नियंत्रित किया गया। राजद प्रवक्ता ने चुनौती देते हुए कहा कि राबड़ी सरकार (2000-2005) में नरसंहार का एक भी उदाहरण बताएं। संजय सिंह को पता नहीं है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही 10 अक्टूबर 2007 में खगड़िया के अलौली में बड़ा नरसंहार हुआ जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोगों की हत्या हुई थी।
नरसंहारों के सजायाफ्ता अभियुक्तों को किसने किया रिहा?
राजद नेता ने कहा कि जदयू प्रवक्ता को मालूम होना चाहिए कि मियांपुर, बारा, शंकर बिगहा, लक्षमणपुर बाथे नरसंहारों के सजायाफ्ता अभियुक्तों को किसकी सरकार में रिहा कर दिया गया। यह भी मालूम होना चाहिए कि नरसंहारों की जांच के लिए बनाए गए अमीर दास आयोग को किसने भंग कर दिया।
पांच लोगों की हुई थी हत्या
बता दें कि होली के दिन पिछले महीने की 29 मार्च को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना के मोहम्मदपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मरने वालों में तीन सहोदर भाई और बाकी चचेरे भाई थे। बताया जाता है कि छह महीने पहले तालाब में मछली मारने को लेकर गैबीपुर गांव के दबंग और महमदपुर गांव के कुछ लोगों के बीच विवाद के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया था। दबंगों ने 30 मिनट के अंदर घर में उत्पात मचाकर पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी।