बिहार में बढ़ा बीजेपी-जदयू विवाद, ललन सिंह बोले- उतावलों के लिए गांधी मैदान, वहीं निपट लें

Bihar politics जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि बातें तथ्यपरक होनी चाहिए। अगर कोई अधिक उतावले हैं तो उनके लिए तो गांधी मैदान है। जाकर वहीं फरिया लें।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 07:57 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 08:02 AM (IST)
बिहार में बढ़ा बीजेपी-जदयू विवाद, ललन सिंह बोले- उतावलों के लिए गांधी मैदान, वहीं निपट लें
जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में भाजपा और जदयू नेताओं के बीच चल रही जबर्दस्त बयानबाजी का मामला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गठबंधन की स्थिरता तक पहुंचा दिया है। इस बारे में जब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से पूछा गया तो किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि बातें तथ्यपरक होनी चाहिए। अगर कोई अधिक उतावले हैं तो उनके लिए तो गांधी मैदान है। जाकर वहीं फरिया (निपट) लें ।

अकेले प्रधानमंत्री ही पुरस्कार वापसी को ले सक्षम

सम्राट अशोक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले दया प्रकाश सिन्हा की पुरस्कार वापसी की मांग प्रधानमंत्री से किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से तार्किक है। अकेले प्रधानमंत्री ही सक्षम हैं जो पुरस्कार की वापसी करा सकते हैं। देश के किसी भी व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी बात रख सकता है। इसमें किसी को क्यों आपत्ति हो रही?

- शराबबंदी पर बोलने वाले यह भूल गए कि उन्होंने इस बारे में शपथ ले रखी है - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियमित रूप से इसकी मानीटरिंग कर रहे - सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शराब पीना किसी का मौलिक अधिकार नहीं

हैरत है कि शपथ लेने वाले भी शराबबंदी के खिलाफ बोल रहे

शराबबंदी के संबंध में विभिन्न दलों के नेताओं के आ रहे वक्तव्य के संबंध में ललन सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हैरत है इस बात को लेकर। शराबबंदी के खिलाफ बोलने वालों ने इसके लिए शपथ लिया हुआ है। शपथ लेकर इस तरह की बात करना समझ से परे है।

मुख्यमंत्री लगातार कर रहे शराबबंदी की मानीटरिंग

शराब से जुड़े मामलों पर कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं शराबबंदी की मानीटरिंग कर रहे हैं। एक-एक मामले में एक्शन हो रहा। बिहार में ही गोपालगंज में जहरीली शराब से जुड़े एक मामले में फांसी तक की सजा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में कहा है कि शराब पीना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। 

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