Bihar Politics: मांझी के बाद मुकेश सहनी ने भी लालू से की बात, पूछने पर कहा-इसे पर्दे में रहने दें

बिहार एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की हम और मुकेश सहनी की वीआइपी ने गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है।लालू यादव के जन्‍मदिन के बहाने मांझी की उनसे बंद कमरे में बात हुई। इसके बाद सहनी की भी बात हुई। आखिर एनडीए गठबंधन में क्‍या पक रहा

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:22 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 12:28 PM (IST)
Bihar Politics: मांझी के बाद मुकेश सहनी ने भी लालू से की बात, पूछने पर कहा-इसे पर्दे में रहने दें
मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी की तस्‍वीर ।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क।  बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर से राज्‍य में एनडीए की सरकार है। तभी से एनडीए में शामिल चारों घटक दल- बीजेपी, जदयू, हम और वीआइपी के बीच कुछ न कुछ खटपट की खबर लगातार मीडिया में सुर्खियां बनती रही हैं। एक-दूसरे के दल के सर्वोच्‍च नेताओं जैसे सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर भी खूब बयानबाजी होती है। हालांकि अंत में सब कुछ ठीक करने की कोशिश की जाती है और मीडिया में एनडीए के एकजुट होने का दावा किया जाता है। मगर हालिया घटनाओं को देखेें तो सवाल उठता है क्‍या एनडीए सचमुच मजबूती से खड़ा है तो लालू यादव का एक फोन एनडीए में टेंशन क्‍यों बढ़ा देता है? मांझी की मुलाकात के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बयान दिया है कि डोरे डालनेवाले सफल नहीं होंगे। साथ ही एनडीए के नेताओं को सार्वजनकि बयानबाजी के बजाय आंतरिक फोरम पर अपनी बात रखने की नसीहत दी है।

पर्दे में रहने दो

ताजा घटनाक्रम जीतन राम मांझी के बाद मुकेश  सहनी की लालू से फोन पर हुई बात को लेकर जुड़ी हुई है। मुकेश सहनी ने लालू से हुई बातचीत को पर्दे में रहने दो कहकर एनडीए में हलचल मचा दी है। लालू के 74वें जन्‍मदिन के बहाने जीतन राम मांझी और लालू  की फोन पर बंद कमरे में बात हुई। इस मुलाकात के बारे में मांझी कुछ भी कहने से बचते रहे मगर तेज प्रताप यादव से पूछा गया तो उनका सीधा-सीधा कहना था कि मैंने मांझी जी को कहा- मन डोल रहा है तो आ जाइए, महागठबंधन के दरवाजे आपके लिए खुले हैं। वहीं सूचना मिली कि मांझी के बाद मुकेश सहनी की भी लालू से फोन पर बात हुई। जब मीडिया ने उनसे लालू से बात-मुलाकात के बारे में पूछा तो सहनी ने कहा कि लालू यादव बड़े नेता हैं, यदि मौका मिला तो जरूर मुलाकात करूंगा। हालांकि फोन पर बात को लेकर उन्‍होंने साफ कहा - इसे पर्दे में ही रहने दें।

बता दें कि कुछ ही दिन पहले मुकेश सहनी ने खुद ट्वीट कर एनडीए के नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की नसीहत दी और एनडीए को अपने वादे ' 19 लाख युवाओं को रोजगार', की याद दिलाई थी। कहा था कि हम सब मिलकर इस वादे को पूरा करने में जुटे।

 मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता, डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे : सुशील मोदी

उधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जन-प्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। जीतन राम मांझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों के सर्वमान्य नेता हैं। मांझी ने राजद का कुशासन भी देखा है। किसी को मांझी से जबरदस्ती मिलवा देने से कई फर्क नहीं पड़ता। एनडीए अटूट है। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए।

सुशील मोदी ने एनडीए के घटक दलों के नेताओं को नसीहत भी दी है। कहा है कि एनडीए एक लोकतांत्रिक गठबंधन है, इसलिए जनता से जुडे विभिन्न मुद्दों पर सभी घटक दलों की राय अलग-अलग हो सकती है। ऐसी परिस्थिति में घटक दल को एक-दूसरे के विरुद्ध सार्वजनिक बयानबाजी करने के बजाय संगठन के आंतरिक मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए।

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