नीतीश सरकार का बड़ा फैसला-दलीय अाधार पर नहीं होंगे पंचायत चुनाव, विपक्ष ने ये कहा...

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर बहुत बड़ा फैसला किया है। सरकार का कहना है कि अब दलीय आधार पर पंचायत चुनाव नहीं होंगे। इसपर विपक्ष ने तंज कसा है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Wed, 14 Aug 2019 04:27 PM (IST) Updated:Thu, 15 Aug 2019 09:33 PM (IST)
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला-दलीय अाधार पर नहीं होंगे पंचायत चुनाव, विपक्ष ने ये कहा...
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला-दलीय अाधार पर नहीं होंगे पंचायत चुनाव, विपक्ष ने ये कहा...
पटना, जेएनएन। बिहार की नीतीश सरकार ने पंचायती राज तो लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे। पंचायती राज विभाग से जुड़ी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री कपिलदेव कामत और प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का चुनाव दलीय आधार पर कराने का कोई विचार फिलहाल सरकार के पास नहीं है।
प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि पंचायती राज व्यवस्था के जरिए लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे और इसीलिए पंचायती राज विभाग की तरफ से चलाई जा रही विकास योजनाओं का ऑडिट कराने का भी फैसला लिया गया है।
बता दें कि कई वर्षों से पंचायत चुनाव दलीय आधार पर करवाने की मांग की जा रही है। वर्ष 2017 में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कहा था कि इसको लेकर सरकार कदम बढ़ाएगी और सरकार अन्य दलों से भी बात करेगी। हालांकि राज्य सरकार के फैसले के बाद विपक्ष इस मुद्दे को लेकर हमलावर है।
राजद ने की आलोचना, डर गई है सरकार
राजद ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी जमकर आलोचना की है और कहा है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर होना चाहिए। तो वहीं  पार्टी के प्रवक्ता विजय प्रकाश ने कहा कि सरकार जमीन पर पकड़ होने का दंभ भरती है, अगर पकड़ है तो दलीय आधार पर चुनाव करा ले। सारी हकीकत जनता के सामने आ जाएगी।
कांग्रेस ने भी किया विरोध, कहा- सरकार की खुल जाएगी पोल
राजद के साथ कांग्रेस ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया है और पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि सरकार अपना पोल खुलने से डर रही है। उसे पता है उसकी हकीकत सामने आ जाएगी। कई प्रदेशों में दलीय आधार पर पंचायत चुनाव हो रहे हैं तो बिहार में दलीय आधार पर चुनाव कराने से क्यों डर रहे? सबको पता चले किसका कितना जनाधार है। 
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