कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है बिहार, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने खुद बताया

अस्पतालों में बेडऑक्सीजन वेंटिलेटर दूसरे आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण की व्यवस्था भी की गई। महामारी की पहली लहर से आदमी उबरा भी नहीं था कि सूबा कोविड की दूसरी लहर की चपेट में आ गया। यह दौर भी अब थमा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 11:47 AM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 11:47 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है बिहार, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने खुद बताया
बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय। फाइल फोटो

पटना, सुनील राज। Special Interview with Health Minister Mangal Pandey: बिहार ने विगत करीब 475 से अधिक दिन में कोविड महामारी के कई अलग-अलग रूप देखे। बीते वर्ष मार्च महीने में राज्य में कोरोना से पहली मौत इसके बाद लॉकडाउन, फिर अनलॉक, तमाम तरह की सावधानियां बरतने से लेकर अन्य कई उपाय महामारी से निपटने के लिए किए गए। जहां एक भी लैब नहीं थी, वहां आज जिले-जिले में कोविड जांच की समुचित व्यवस्था की गई है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर दूसरे आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण की व्यवस्था भी की गई। महामारी की पहली लहर से आदमी उबरा भी नहीं था कि सूबा कोविड की दूसरी लहर की चपेट में आ गया। यह दौर भी अब थमा है। साथ ही तीसरी लहर की चर्चा है। तीसरी लहर की आशंका के बीच जागरण ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना से निपटने को किए जा रहे इंतजाम पर बातचीत की। बातचीत के कुछ अंश।

प्र. कोरोना महामारी के बारे में आपकी पहली प्रतिक्रिया?

उ. एक ऐसा शत्रु जो अपना रूप बदलने में माहिर है। पहली बार हम इसके बारे में कुछ नहीं जानते थे आज इसके बारे में हमारे पास हमारे वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों के पास कई जानकारियां हैं। 

प्र. पहली बार जब महामारी से जब सामना हुआ तो सरकार ने क्या कदम उठाए?

उ. महामारी का पहला दौर सरकार के लिए स्वास्थ्य महकमे के लिए चुनौती भरा था। राज्य में कोविड की जांच के इंतजाम नहीं थे। सैंपल जांच के लिए एनआइवी पुणे भेजने होते थे। फिर हमने पहला कदम उठाया। पहले दो लैब बनाए, फिर एक-एक कर यह संख्या बढ़ाई गई।

प्र. क्या सरकारी अस्पतालों में महामारी से निपटने की व्यवस्था थी?

उ. कोरोना पिछले वर्ष एक अज्ञात शत्रु था, जिसके बारे में हम कुछ जानते ही नहीं थे। लिहाजा हमारी तैयारी उस प्रकार की नहीं थी। लेकिन इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च, वैज्ञानिकों की सलाह पर हमने अपने-फानन में वे तमाम सुविधाएं जुटाई जो बेहद जरूरी थी।

प्र. उदाहरण के लिए क्या कुछ बताएंगे?

उ. जैसे अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए बेड की संख्या बढ़ाना, गंभीर संक्रमण के शिकार मरीजों के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की व्यवस्था करना। आइसोलेशन के इंजमा, गंभीर रोगियों के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने, इलाज-उपचार में क्या सावधनियां रखनी है यह प्रोटोकॉल बनाने जैसे अनेक काम किए गए।

प्र. पहली लहर में शत्रु अज्ञात था, लेकिन दूसरी लहर के बारे में क्या कहेंगे?

उ. दूसरी लहर पहली की अपेक्षा ज्यादा घातक रही। दूसरी लहर में आए कोरोना के स्वरूप में ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की ताकत थी। लेकिन हमें इसके बारे में कई जानकारियां थी। जो नहीं थी, वे आइसीएमआर, हमारे वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और डॉक्टरों से हमें मिलती रही। इस लिहाज से गाइडलाइन बनाकर हम आगे बढ़ते रहे और इस महामारी को मात देने में जुटे रहे। आज हमारे अस्पताल, डॉक्टर अस्पतालों में बेहतर से बेहतर इलाज देने में, काउंसिलिंग करने में सक्षम हैं और महामारी को लेकर किसी के अंदर कोई झिझक नहीं। डाक्टर, स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित होते हैं और स्वस्थ होकर दोगुने जोश से फिर संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में जुट जाते हैं। आज हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है।

प्र. पर दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी, ज्यादा मौत के बारे में क्या कहेंगे?

उ. कोरोना की दूसरी लहर बेहद जानलेवा थी। सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश में इस महामारी ने कहर ढाया। पहली लहर में ऑक्सीजन को लेकर कोई समस्या नहीं आई, लेकिन दूसरी लहर में देश के स्तर पर समस्या आई। मगर हमने इसे चुनौती के रूप में लिया और 75 मीट्रिक टन की क्षमता को बढ़कर तीन सौ तक किया। अब हम भविष्य की तैयारियां कर रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट, क्रायोजेनिक प्लांट लगा रहे हैं। रही मौत की बात तो अन्य राज्य जो आबादी में बिहार से कहीं छोटे हैं, वहां ज्यादा मौत हुई, लेकिन सघन आबादी वाला प्रदेश रहने और 7.22 लाख लोगों के संक्रमित होने के बाद भी हमारे यहां पहली लहर और दूसरी लहर मिलाकर सबसे कम मौत हुई है।

प्र. तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, कितने तैयार हैं हम-आप?

उ. भविष्य में कोरोना से जुड़ी किसी भी चुनौती के लिए आज राज्य और इसके लोग पूरी तरह से तैयार हैं। जिला-जिला में आरटीपीसीआर, एंटीजन, ट्रू-नेट टेस्ट की व्यवस्था, 40 हजार से ज्यादा बेड, आक्सीजन की पर्याप्त क्षमता, चार हजार से ज्यादा हाल में नियुक्त किए गए डॉक्टरों और 28 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की टीम, अस्पतालों में 71 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, 41 निजी क्षेत्र के पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही दूसरे अन्य जीवन रक्षक उपकरण भी सरकार अस्पतालों को मुहैया करा रही है। इसके अलावा सरकार ने छह महीने में हमारा छह करोड़ लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य है। आज प्रतिदिन तीन लाख से ज्यादा टीकाकरण हो रहा है। हमारे दर्जन भर कोविड टेस्टिंग वैन, टीकाकरण वैन लोगों को महामारी से बचाने में जुटे हैं।

प्र. राज्य के लोगों से कुछ कहना या सलाह देना चाहेंगे?

उ. राज्य के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं, वे निश्चिंत रहें सरकार राज्य के प्रत्येक नागरिक के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के खिलाफ विजय हासिल की है। आगे भी हम सारी जंग जीतेंगे। लोगों से अपील है सावधानी रखे और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, क्योंकि लोगों की सावधानी, सतर्कता और ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग से ही कोरोना पर जीत संभव संभव है।

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