सीएम नीतीश ने शादी कराने वाले पंडितों को दी ये बड़ी जिम्मेदारी, जानिए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान की शुरूआत की है। अब शादी कराने वाले पंडितों को लिखकर देना होगा कि जिस लड़की की शादी कराई वह बालिग थी।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 09 Oct 2017 10:35 AM (IST) Updated:Mon, 09 Oct 2017 08:47 PM (IST)
सीएम नीतीश ने शादी कराने वाले पंडितों को दी ये बड़ी जिम्मेदारी, जानिए
सीएम नीतीश ने शादी कराने वाले पंडितों को दी ये बड़ी जिम्मेदारी, जानिए

पटना [जेएनएन]। बिहार में अब शादी कराने वाले पंडितों को लिखकर देना होगा कि जिसकी शादी करवाई वो दुल्हन बालिग थी, मतलब उसकी उम्र अठारह साल या उससे अधिक थी। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे बाल विवाह खत्म तो नहीं लेकिन उस पर बहुत हद तक अंकुश लगेगा।

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी और नशाबंदी के बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान शुरू कर दिया है और अब इस अभियान के तहत राज्य में बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिये राज्य सरकार ने शादी कराने वाले पंडितों के लिए अनिवार्य कर दिया है कि उन्हें ये प्रशासन को लिखित देना होगा कि कन्या बालिग थी।

बिहार सरकार ने इस साल दो अक्टूबर से इस अभियान की शुरुआत की है। हालांकि सरकार का कहना है कि इसके अलावा और भी कई तरीक़ों ओर विचार किया जा रहा हैं जिसमें आधार कार्ड और जहां शादी हो रही हैं, वहां ख़ासकर कन्या का घर जहां हो वहां के वॉर्ड काउन्सलर से भी लिखित में ये अंडरटेकिंग लिया जाए। लेकिन, फिलहाल सरकार मानती है कि शुरुआत में पंडितों या शादी कराने वाले दूसरे पुजारियों से लिखित में लिया जाए।

वैसे ये स्पष्ट नहीं हैं कि सरकार के इस आदेश के तहत मुस्लिम समुदाय के मौलाना या क्रिश्चयन समुदाय के पादरी पर भी क्या लागू होगा? लेकिन फिलहाल राज्य में धार्मिक न्यास बोर्डों के जरिए पंडितो की सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

राज्य सरकार का दावा है कि इस मुद्दे पर जागरूकता के लिए कई क़दम उठाये गए हैं जिनमें जीविका के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण इलाक़ों में लोगों के बीच जाके बाल विवाह के नकारात्मक असर के बारे में लोगों को बताना मुख्य काम हैं। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अगले साल 21 जनवरी को एक मानव सृंखला का भी आयोजन किया है।

राज्य सरकार के अधिकारी भी मानते हैं कि जब तक राज्य में शिक्षा का विकास और ग़रीबी का उन्मूलन नहीं होता तब तक ना बाल विवाह और ना ही दहेज प्रथा ख़त्म होगी।  

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