इधर नवनिर्वाचित मुखिया जी ने ली पद की शपथ, उधर सरकार ने पंचायत को बना दिया नगर निकाय, जानिए बक्‍सर की घटना

बिहार के बक्‍सर में मुखियाजी तमाम जतन कर पंचायत चुनाव जीते। उन्‍होंने पद की शपथ भी ली। लेकिन यह क्‍या? एक तरफ उन्‍होंने पद की शपथ ली तो दूसरी तरफ राज्‍य सरकार ने उनकी पंचायत को नगर निकाय में शामिल कर लिया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 07 Jan 2022 04:55 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jan 2022 04:55 PM (IST)
इधर नवनिर्वाचित मुखिया जी ने ली पद की शपथ, उधर सरकार ने पंचायत को बना दिया नगर निकाय, जानिए बक्‍सर की घटना
बिहार में पंचायत चुनाव की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

बक्‍सर, जागरण संवाददाता। ये क्या हो गया? अभी पंचायतीराज के तहत इटाढ़ी पंचायत में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई थी कि पंचायत गठन के महज दो दिन बाद ही सरकार ने इटाढ़ी को नगर पंचायत घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद नवनिर्वाचित मुखिया व सरपंच सहित पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों के सामने कुर्सी से पैदल हो जाने का संकट खड़ा हो गया है। इसे देखकर मुखिया व सरपंच अब सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

राज्य कैबिनेट में इटाढ़ी को नए नगर पंचायत बनाये जाने की मंजूरी मिली है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इटाढ़ी पंचायत में पांच गांवों को जोड़कर कुल 14 हजार की आबादी के साथ नगर पंचायत बनाया गया है। इसमें सरस्ती, नाथपुर, इटाढ़ी, पकड़ी व ईश्वरपुरा को शामिल किया गया है। हालांकि, यह गांव इटाढ़ी पंचायत से है। वहीं पंचायत चुनाव में इटाढ़ी पंचायत में मुखिया, सरपंच, बीडीसी, वार्ड सदस्य व वार्ड पंच के नए प्रतिनिधि चुनकर आए हैं। सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को दिसंबर माह के अंत में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

अभी पंचायती राज का गठन ही किया गया था कि राज्य कैबिनेट में इटाढ़ी नगर पंचायत बनाने की मुहर लग गई। इस संबंध में बीडीओ अमर कुमार ने बताया कि इटाढ़ी को नगर पंचायत बनाए जाने की अधिसूचना जारी हो गई है। इसके अंतर्गत इटाढ़ी पंचायत के पांच गांव को शामिल किया गया है। अभी इटाढ़ी पंचायत के नए प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं। जाहिर सी बात है, जो गांव नगर पंचायत के अंतर्गत आए हैं, वहां पंचायती राज भंग हो जाएगा और नए नगर पंचायत सरकार गठित की जाएगी।

इस बीच पदभार ग्रहण करते ही कुर्सी पर आए संकट को देखकर पंचायत की मुखिया बिंदु देवी ने इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर आवेदन दिया है। मुखिया ने बताया कि जब नए नगर पंचायत के गठन की बात थी तो पंचायती राज के तहत चुनाव क्यों कराया गया? जब पंचायती राज का गठन कराया गया तो पांच वर्ष नए प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनके अधिकार का हनन होगा तो वे तथा इस पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे।

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