बिहार के मंत्री ने मुकेश सहनी को कहा- गीदड़भभकी देना बंद करिए, हिम्‍मत तो जाइए एनडीए छोड़कर

Bihar Politics बिहार में मौसम का मिजाज बेहद ठंड हो गया है लेकिन सियासत का मिजाज काफी गर्म है। जदयू और भाजपा नेताओं की बयानबाजी जारी है। इस बीच एनडीए की सहयोगी हम और वीआइपी ने भी तेवर गर्म कर रखे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 02:50 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 02:19 PM (IST)
बिहार के मंत्री ने मुकेश सहनी को कहा- गीदड़भभकी देना बंद करिए, हिम्‍मत तो जाइए एनडीए छोड़कर
नीरज बबलू, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज सिंह बबलू  (Minister Niraj Singh Bablu) ने दो टूक कहा है कि गीदड़ भभकी देना बंद करें। मुकेश सहनी (Minister Mukesh Sahani) में हिम्मत है तो बगैर देरी एनडीए छोड़ कर चले जाएं। मुकेश सहनी को कौन रोके हुए है? देर किस बात की...जो लोग बोल रहे तो उन्हें करके दिखाना चाहिए। नीरज के बाद प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अजय निषाद ने भी सहनी को ललकारा। उन्‍होंने कहा कि अब मुकेश सहनी का मंत्री पद जाएगा। पार्टी इन बातों पर भी विचार कर रही है। अजय निषाद ने कहा है कि भाजपा की बदौलत विधान पार्षद बने और अब हमही को आंख दिखा रहे। ऐसा नहीं चलने वाला। भाजपा सांसद ने कहा कि अब बोचहां में होने वाले उपचुनाव में भी भाजपा अपना प्रत्याशी देगी। बता दें कि सीट बंटवारे में बोचहां सीट वीआइपी को मिली थी जहां से वीआइपी के मुसाफिर पासवान चुनाव जीते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद वहां उप चुनाव होने हैं।

मांझी जी रहते-रहते गड़बड़ा जाते हैं 

शराबबंंदी कानून को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि मांझी जी का अपना मनमिजाज रहता है। उम्र का असर हो चला है। वे रहते-रहते गड़बड़ा जाते हैं। यह वे पहले से बोलते रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष नपी-तुली और जायज बातें बोलते हैं। जदयू विधायक डा. संजीव कुमार के बयान पर भी उन्‍होंने पलटवार किया। जदयू विधायक ने कहा था कि इतनी ही दिक्‍कत है तो समर्थन वापस ले लें। इसपर नीरज बबलू ने कहा कि ऐसा बोलते हैं तो यही बात उनपर लागू होता है। पहले वे ही निकल लें। मंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि एनडीए में सबकुछ सामान्‍य है। यह आजादी है कि लोग अपनी-अपनी राय रख सकते हैं। अपना एजेंडा रख सकते हैं। अपनी राजनीति कर सकते हैं। लेकिन एनडीए पूरी तरह मजबूत है। 

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