सुशील मोदी की पुस्तक 'लालू-लीला' का लोकार्पण, सनसनीखेज खुलासों की है दास्तान

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भ्रष्टाचारजनित अकूत बेनामी संपत्ति पर केंद्रित पुस्तक लालू लीला लिखी। इस पुस्तक का लोकार्पण गुरुवार को हुआ।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 11 Oct 2018 11:26 AM (IST) Updated:Thu, 11 Oct 2018 11:32 PM (IST)
सुशील मोदी की पुस्तक 'लालू-लीला' का लोकार्पण, सनसनीखेज खुलासों की है दास्तान
सुशील मोदी की पुस्तक 'लालू-लीला' का लोकार्पण, सनसनीखेज खुलासों की है दास्तान
पटना [राज्य ब्यूरो]। लालू परिवार की भ्रष्टाचारजनित अकूत बेनामी सम्पत्ति पर केन्द्रित व सुशील कुमार मोदी द्वारा लिखी  पुस्तक 'लालू-लीला' का लोकार्पण लोकनायक जेपी की जयंती पर गुरुवार को विद्यापति भवन सभागार में किया गया। लोकार्पण के बाद सुशील मोदी ने कहा कि वे लालू को 47 वर्षों से जानते हैं। वे उस जामने में सबसे ताकतवर नेता रहे हैं। लेकिन आज वो अपने कारनामों के कारण जेल में बंद हैं। लालू ने कई घोटाले किए हैं। आज भी लालू 141 भूखंडों, 30 फ्लैट्स और कई मकान के मालिक हैं।
लंबे समय तक बच नहीं सकते भ्रष्‍टाचारी
समारोह के मुख्‍य अतिथि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चारा और अलकतरा घोटाले के बाद कुछ खामोशी आई थी। चारा घोटाले में लालू प्रसाद को सजा होने के बाद एक बात स्पष्ट हो गई है कि भ्रष्टाचारी लंबे समय तक कानून की नजर से बच नहीं सकते हैं। एक न एक दिन सजा मिलनी तय है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारा घोटाले की लड़ाई के दौरान सुशील मोदी ने 'चारा चोर गद्दी छोड़' नाम से किताब लिखी थी। लालू यादव को सजा होने के बाद मुझे लगा अब उन्हें किताब लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन लालू यादव इसके बाद भी नहीं सुधरे। सुशील मोदी ने 'लालू लीला' में जिस तरह से तथ्य जुटाए हैं, मुझे नहीं लगता कि अब उन्हें कोई और किताब लिखने की जरूरत पड़ेगी।
जेपी भी मोदी को दे रहे होंगे धन्यवाद
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अन्नादुरई को जैसा जन समर्थन मिला था, वैसा ही लालू यादव को भी मिला। लेकिन अन्ना ने गरीबों से मिली उस ताकत को गरीबों के कल्याण में लगाया, जबकि लालू ने गरीबों से मिली ताकत का इस्तेमाल परिवार के लिए किया। जेपी अगर आज ऊपर से देख रहे होंगे तो वे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई के लिए सुशील मोदी को धन्यवाद दे रहे होंगे।
पुस्‍तक में दर्ज हैं ये बातें
सुशील मोदी ने इस पुस्‍तक के पहले अापातकाल के दौरान जेल यातना के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक 'बीच समर में' तथा लालू प्रसाद के चारा घोटाले पर लिखी पुस्तिका 'चारा चोर, खजाना चोर' खासी चर्चित रही हैं। 'लालू-लीला' में मोदी ने खोखा कम्पनियों, दान, वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी और हर काम के बदले जमीन-मकान हथियाने के लालू परिवार के नायाब फंडे का सिलसिलेवार खुलासा किया है।
मोदी के अनुसार सत्ता और राजनीति लालू प्रसाद और उनके परिवार के लिए किस तरह से अवैध सम्पत्ति अर्जित करने का जरिया बनी, इसे पुस्तक उजागर करती है। लालू प्रसाद ने पत्नी, बेटों, बेटियों के लिए ही नहीं, आनेवाली तीन-तीन पीढिय़ों के लिए भी सम्पत्ति बटोरी हैं।
पुस्‍तक पर मिलीं ये प्रतिक्रियाएं
पुस्तक के प्राक्कथन में केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा है कि सुशील मोदी की पुस्तक लालू-लीला ' लालू परिवार के भ्रष्टाचार का जीवंत दस्तावेज है।
'केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामले के मंत्री अरुण जेटली ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि-'लालू-लीला' सार्वजनिक जीवन को भ्रष्टाचार-मुक्त करने के सुशील मोदी के अथक संघर्ष का प्रामाणिक दस्तावेज है।'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी मानना है कि -'भविष्य के लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए 'लालू-लीला' एक संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोगी साबित होगी।'
समारोह में ये रहे मौजूद
लोकार्पण समारोह में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, राम कृपाल यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नित्यानंद राय, मंत्री प्रेम कुमार,नंद किशोर यादव,श्रवण कुमार, मंगल पाण्डेय, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद राजीव प्रताप रूडी व शाहनवाज हुसैन मौजूद रहे।
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