बिहार क्रिकेट में हो रहा है खिलाड़ियों से खिलवाड़, BCA में शुरू हुआ हेराफेरी का दौर

चयनकर्ताओं ने जिस अंडर-19 टीम का चयन किया उसमें से कई नाम बदलकर बीसीसीआइ को भेज दिए गए।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Tue, 02 Oct 2018 11:56 AM (IST) Updated:Tue, 02 Oct 2018 08:40 PM (IST)
बिहार क्रिकेट में हो रहा है खिलाड़ियों से खिलवाड़, BCA में शुरू हुआ हेराफेरी का दौर
बिहार क्रिकेट में हो रहा है खिलाड़ियों से खिलवाड़, BCA में शुरू हुआ हेराफेरी का दौर

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने के साथ ही बिहार क्रिकेट में हेराफेरी का दौर शुरू हो गया है। चयनकर्ताओं ने जिस अंडर-19 टीम का चयन किया उसमें से कई नाम बदलकर बीसीसीआइ को भेज दिए गए। दैनिक जागरण के पास मौजूद दोनों लिस्ट के हिसाब से पता चलता है कि बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) के चयनकर्ताओं ने वीनू मांकड़ अंडर-19 ट्रॉफी के लिए बिहार की जिस टीम का चयन किया, उसे बीसीसीआइ को नहीं भेजा गया बल्कि उसमें हेराफेरी कर दी गई।

चयनकर्ताओं की टीम से हुई छेड़छाड़

बिहार के चयनकर्ताओं ने 18 सितंबर को 15 सदस्यीय अंडर-19 टीम का चयन किया था। इसके साथ ही उन्होंने सात खिलाड़ियों को स्टैंडबाई में रखा था। दैनिक जागरण के पास मौजूद कागज में सभी चयनकर्ताओं के हस्ताक्षर भी हैं लेकिन बीसीए की वेबसाइट में 25 तारीख को अपलोड हुई टीम में पांच खिलाड़ियों का नाम बदल दिया गया। यही नहीं वेबसाइट में पांच खिलाड़ियों के नाम स्टैंडबाई के तौर पर अपलोड किए गए जिसमें से चार के नाम चयनकर्ताओं की लिस्ट में नहीं थे। चयनकर्ताओं की लिस्ट में से आशीष कुमार मिश्र, प्रशांत कुमार सिंह, मनोज मेहता, सचिन कुमार और विकास झा के नाम काटकर हर्ष राज, बलजीत सिंह बिहारी, मुन्ना कुमार, नवीन कुमार और मलय राज के नाम शामिल किए गए। हर्ष राज का नाम मुख्य टीम से स्टैंड बाई में कर दिया गया। बीसीए के चयनकर्ता मनीष कुमार, रवि सिंह और सुनील कुमार से बात करने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।

 

बिहार क्रिकेट संघ के सचिव रवि शंकर प्रसाद सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने तो चयनकर्ताओं की लिस्ट को ही बीसीसीआइ को भेजा है लेकिन जब उनसे कहा गया कि दोनों लिस्ट अलग-अलग हैं तो वह सही जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने इस बारे में चयनकर्ताओं से बात करने को कहा।

बीसीए की मीडिया समिति के पूर्व चेयरमैन संजीव मिश्र ने कहा कि बीसीसीआइ को इसकी जांच करनी चाहिए। यह टीम चयनकर्ताओं की नहीं बल्कि बीसीए सचिव की है। जब चयनकर्ताओं ने 18 सितंबर को टीम का चयन कर लिया था तो उसे मीडिया को क्यों नहीं जारी किया गया? उसे इतने दिन दबाकर रखा गया।

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