आपको चौंका देगी बिहार में कोरोना की यह खबर, यहां त्‍योहारों के दौरान कम हो जाता है आंकड़ा

Bihar CoronaVirus Update यह इत्‍तफाक हो या कुछ और आंकड़े तो यही कह रहे हैं कि बिहार में कोरोना संक्रमण त्‍योहारों के दिन कम हो जाता है। दशहरा से नए साल तक ऐसा हमेशा होता दिख रहा है। क्‍या है मामला आप भी जानिए।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 01:17 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 02:52 PM (IST)
आपको चौंका देगी बिहार में  कोरोना की यह खबर, यहां त्‍योहारों के दौरान कम हो जाता है आंकड़ा
बिहार में कोरोना संक्रमण की जांच। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar CoronaVirus Update बिहार में कोराेना संक्रमण (CoronaVirus Infection) की अजब चाल का यह आंकड़ा हैरान करने वाला है। कोरोना संक्रमण त्‍योहारों (Festivals) के दौरान कम हो जा रहा है। ऐसा हम नहीं दशहरा से नववर्ष तक के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के सरकारी आंकड़े कह रहे हैं। त्‍योहारों के दौरान पटना में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा कई बार सौ से नीचे भी चला गया। राज्‍य की बात करें तो यह तीन सौ से भी नीचे जाता दिखा है। खास बात यह भी है कि इसी दौरान बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election  2020) के समय कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बेकाबू रहा था।

नए साल व क्रिसमस के दिन गिर गए आंकड़े

सबसे पहले नववर्ष (New Year Day) की बात करें। एक जनवरी को पटना में लिए गए नमूनों की कह जांच रिपोर्ट तीन जनवरी को आई। इसके अनुसार राजधानी में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 88 रहा। लंबे समय बाद पहली बार बिहार में मिले संक्रमितों की संख्‍या 282 रही। इसके कुछ ही पहले क्रिसमस (Christmas) के दिन 25 दिसंबर को लिए गए नमूनों की रिपोर्ट के अनुसार भी संक्रमण का आंकड़ा गिरा। खास बात यह रही कि क्रिसमस के एक दिन यही आंकड़ा दो सौ से अधिक तो क्रिसमस के एक दिन बाद 121 रहा था।

कार्तिक पूर्णिमा के नमूनों में मिले केवल 133 मरीज

बीते 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा (kartik Purnima) थी। इस दिन हिंदु धर्मावलंबी स्‍नान-पूजा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन के नमूनों की जांच रिपोर्ट कम रही। उस दिन के नमूनों में केवल 133 रिपोर्ट पॉजिटिव मिली।

दीपावली-छठ व दशहरा में मिले सौ से कम संक्रमित

इसके पहले छठ (Chhath) व दीपावली (Diwali) के दिन लिए गए नमूनों की रिपोर्ट सौ से कम नही। 20 और 21 नवंबर को छठ के दाे दिनों के दौरान लिए गए नमूनों की जांच की रिपोर्ट भी कम रही। इस दौरान पटना में 97 पॉजिटिव मामले मिले तो राज्‍य में भी केवल 385 संक्रमित पाए ही पाए गए। इसके पहले 14 नवंबर को दीपावली के दिन लिए गए नमूनों में पटना में कुल 89 मामेल मिले तो राज्‍य में संक्रमितों का  आंकड़ा केवल 247 रहा। इसके पहले दशहरा में भी कोरोना का आंकड़ा 90 रहा था।

चुनाव के दौरान बेकाबू होता दिखा था कोरोना संक्रमण

खास बात यह भी रहा कि इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव हुआ। चुनाव के दौरान पटना में कोरोना संक्रमण कभी भी दो सौ से नीचे नहीं गया। 28 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद पटना में 308 तो राज्‍य में 1018 संक्रमित मिले थे। आगे तीन नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के दिन पटना में 203 तो राज्‍य में 846 संक्रमित मिले। सात नवंबर को तीसरे चरण के मतदान के दिन के नमूनों में पटना में 306 संक्रमित पाए गए। जबकि इस दिन राज्‍य में 1801 पॉजिटिव मामले मिले। विधानसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन 10 नवंबर को भी पटना में 306 तो राज्‍य में 798 पॉजिटिव मामले मिले थे। विधानसभा चुनाव के दौरान बेकाबू हालात के बीच राज्‍य में त्‍योहारों के  दौरान के आंकड़े चौकाने वाले रहे।

सवाल यह कि क्‍या यह महज इत्‍तफाक है? 

सवाल यह है कि त्‍योहारों के दिन अचानक ग्राफ के गिरने और फिर चढ़ने के पीछे कारण क्‍या हैं? क्‍या इसे महज इत्‍तफाक माना जा सकता है? डॉक्‍टरों की राय इसपर विभाजित रही। गोपालगंज के डॉ. सदीप कुमार कहते हैं कि कोई भी रोग खास दिन कम नहीं होकर आगे फिर बढ़ नहीं जाता है। इसके बढ़ने व घटने की वैज्ञानिक गति होती है। वे कहते हैं कि संभव है कि त्‍योहारों के दिन सैंपल ही कम लिए गए हों। खैर, डॉक्‍टरों की राय अपनी जगह और आंकड़े अपनी जगह। आंकड़ों को भला कौन झुठला सकता है? 

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