Bihar CoronaVirus News: तीन दिनों में 11 रेल कर्मचारियों को हुआ कोरोना, सबसे ज्यादा बाहर से आने -जाने वाले

Bihar CoronaVirus News रेलकर्मी संक्रमित होने लगे हैं। पिछले 72 घंटे में केवल बुकिंग व आरक्षण काउंटर के 11 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। यहां तक कि मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक एवं आरक्षण पर्यवेक्षक तक कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 11:22 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 11:22 AM (IST)
Bihar CoronaVirus News: तीन दिनों में 11 रेल कर्मचारियों को हुआ कोरोना, सबसे ज्यादा बाहर से आने -जाने वाले
बिहार में कोरोना का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : दानापुर मंडल में फिर से रेलकर्मियों के बीच कोरोना ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही का ही परिणाम है कि काफी तेजी से रेलकर्मी संक्रमित होने लगे हैं। पिछले 72 घंटे में केवल बुकिंग व आरक्षण काउंटर के 11 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। यहां तक कि मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक एवं आरक्षण पर्यवेक्षक तक कोरोना संक्रमित हो गए हैं। स्टेशन प्रबंधक दफ्तर व मुख्य टिकट निरीक्षक के दफ्तर में तैनात कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या टिकट निरीक्षक भी कोरोना संक्रमित होने लगे हैं। वहीं बाहर से आए और काम खत्म कर वापस जाने वालों व ऐसे अन्य संक्रमितों की संख्या 69.3  फीसद है।  

आरक्षण व बुकिंग काउंटर पर तैनात कई ऐसे कर्मचारी हैं, जो जांच में पॉजिटिव निकल गए हैं परंतु अभी भी काउंटर पर ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने पटना जंक्शन पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए जांच शिविर में जाकर कोरोना टेस्ट करवाए और वे पॉजिटिव पाए गए। उनके अधिकारी उन्हें पॉजिटिव मानने से इन्कार कर उन्हें फिर से काउंटर पर तैनात कर दिया। कोरोना संक्रमित कर्मचारी काउंटर पर बैठकर यात्रियों को कोरोना संक्रमण बांट रहे हैं। पटना जंक्शन पर तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या से अन्य कर्मचारियों में दहशत है। कर्मचारी अब खुद से अपनी जांच करा रहे हैं। 

बाहर से आने और जाने वाले सबसे ज्यादा संक्रमित

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दे रहा है। इसमें अन्य प्रदेशों से आने, प्रदेश से वापस अपने मूल स्थान जाने वालों व अन्य की जांच पर खास जोर दिया जा रहा है। इसका कारण उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों में इनकी संख्या सबसे अधिक होना बताया जा रहा है। बताते चलें कि बाहर से आए और काम खत्म कर वापस जाने वालों व ऐसे अन्य संक्रमितों की संख्या 69.3  फीसद है।  

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में पेश रिपोर्ट के अनुसार पांच अप्रैल तक जिले में 1881 उपचाराधीन संक्रमित थे। इनमें से सबसे ज्यादा 1181 बाहर से आने-जाने व अन्य लोग थे। वहीं, कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों में से 16.4 फीसद की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ऐसे 374 लोग उपचाराधीन हैं। 

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन वालों की पॉजिटिविटी सबसे कम 

कोरोना की जांच कराने अस्पताल पहुंचने वालों में से सबसे अधिक संख्या सांस लेने में तकलीफ, बुखार, सर्दी-खांसी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) से पीडि़त होते हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पांच अप्रैल तक जिले में जो 1881 उपचाराधीन संक्रमित थे, उनमें से केवल 139 यानी 6.1 फीसद ही इन लक्षणों के कारण जांच कराने गए थे। वहीं, पांच अप्रैल तक 187 स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव थे जो कि उपचाराधीन संक्रमितों का प्रतिशत 8.2 फीसद है।

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