Bihar Board Exam 2020: मैट्रिक-इंटर के परीक्षार्थी ध्यान दें-परीक्षा में ना करें ये गलती

Bihar Board Exam 2020 मैट्रिक और इंटर की परीक्षा फरवरी माह में शुरू हो रही है। परीक्षा के लिए बोर्ड ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। छात्रों को इसे जान लेना चाहिए।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 12:28 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 08:58 AM (IST)
Bihar Board Exam 2020: मैट्रिक-इंटर के परीक्षार्थी ध्यान दें-परीक्षा में ना करें ये गलती
Bihar Board Exam 2020: मैट्रिक-इंटर के परीक्षार्थी ध्यान दें-परीक्षा में ना करें ये गलती

पटना, जेएनएन। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से तीन फरवरी से 13 फरवरी तक होने वाली इंटर एवं 17 से 24 फरवरी तक होने वाली मैट्रिक परीक्षा को लेकर बोर्ड की तैयारी जोरों पर है। केंद्राधीक्षकों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारियों, छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के लिए बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए है। इसके तहत छात्रों को परीक्षा आरंभ होने से 10 मिनट पहले तक ही परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश की अनुमति होगी। विलंब से आने वाले छात्रों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। 

जूता पहनने पर नहीं मिलेगी इंट्री

इंटरमीडिएट परीक्षा में एक बेंच पर दो से अधिक छात्रों को बैठने की अनुमति नहीं होगी, जबकि परीक्षा में छात्रों को जूता-मोजा पहनकर आने की भी अनुमति नहीं होगी। कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए सुपर जोन व जोन में बांट अधिकारियों की ड्यूटी लगेगी। परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की जांच व प्रवेश पत्र देखने के बाद ही इंट्री मिलेगी।

सैद्धांतिक परीक्षा की डाटा उत्तर पुस्तिका में कई बिंदु पहले से अंकित रहेगा। इसमें परीक्षार्थियों को उत्तर देने का माध्यम, प्रश्न पत्र सेट कोड, परीक्षार्थी का नाम, विषय व हस्ताक्षर करना होगा। प्रत्येक 25 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक होंगे, जबकि एक रूम में कम से कम दो वीक्षक रहेंगे। 

पहली बार लगाए जा रहे हैं परीक्षार्थियों की फोटो

बोर्ड की मैट्रिक व इंटर की होेनेवाली परीक्षा में इस बार पहली दफा उत्तरपुस्तिकाओं पर परीक्षार्थियों की तस्वीरें लगाई जा रही हैं। बता दें कि यह व्यवस्था पहली बार किसी  राज्य के परीक्षा बोर्ड ने की है। इससे पहले इन परीक्षाओं में आधुनिक  ओएमआर शीट का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बच्चों को काफी राहत मिली थी।

इन उत्तरपुस्तिकाओं में परीक्षार्थियों के फोटो और  दूसरे डाटा का मिलान नहीं हो पाने की स्थिति में परीक्षार्थियों को बगैर डाटा (सादी कॉपी`) वाली सत्यापित कॉपी दी जायेगी। 

इसके लिए छह फीसदी  कॉपियां जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में रखी जायेंगी, ताकि जरूरत पड़ने पर  कॉपी परीक्षार्थियों को उपलब्ध करायी जा सके।  

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