उपेंद्र कुशवाहा सहित 12 सदस्यों ने ली एमएलसी की शपथ, भाजपा-जदयू के इन चेहरों को मिली जगह

बुधवार को चुनाव आयोग ने राज्‍यपाल कोटे के 12 एमएलसी के नामों की घोषणा की और शाम पांच बजे विधान परिषद में उनका शपथ ग्रहण समारोह भी संपन्‍न हुआ। जदयू में शामिल होने के 72 घंटे के भीतर उपेंद्र कुशवाहा को उच्च सदन का सदस्य बना दिया गया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 04:15 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 09:08 AM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा सहित 12 सदस्यों ने ली एमएलसी की शपथ, भाजपा-जदयू के इन चेहरों को मिली जगह
शपथ ग्रहण के बाद बिहार विधान परिषद के एमएलसी। जागरण फोटो।

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो।  लंबे समय के बाद राज्यपाल कोटे की खाली 12 सीटों पर जदयू एवं भाजपा के बीच सहमति बनी। दोनों दलों में छह-छह सीटों का बंटवारा हुआ। जदयू में शामिल होने के 72 घंटे के भीतर उपेंद्र कुशवाहा को उच्च सदन का सदस्य बना दिया गया। कुशवाहा चारों सदनों के सदस्य बनने वाले बिहार के चार नेताओं में शामिल हो गए हैं। मनोनयन के बाद बुधवार शाम सभी नए सदस्यों ने विधान परिषद में शपथ ग्रहण की।

कुशवाहा के मंत्री बनने के कयास

जदयू के पांच पुराने सदस्यों को ही मुख्यमंत्री ने फिर से मौका दिया है। भाजपा की ओर से मात्र एक पूर्व एमएलसी राजेंद्र गुप्ता दूसरी बार एमएलसी बनाए गए हैं। कुशवाहा पहली बार वर्ष 2000 में जंदाहा से विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2009 में जदयू कोटे से राज्यसभा सदस्य बने। 2014 में अलग पार्टी रालोसपा बनाकर काराकाट से लोकसभा गए और अब जदयू से विधान परिषद सदस्य बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि उन्हें बिहार सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है।

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने 14 मार्च को जदयू की सदस्‍यता ग्रहण की है। उन्‍होंने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय किया है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके सदस्‍यता ग्रहण करते ही उन्‍हें जदयू के संसदीय बोर्ड का अध्‍यक्ष बनाया था ।

सुबह घोषणा और शाम में शपथ

राज्यपाल कोटे की 12 सीटें पिछले साल मई से ही खाली चली आ रही थी। इसे लेकर भाजपा एवं जदयू में लगातार मंथन किया जा रहा था। कैबिनेट ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्यपाल कोटे की खाली सीटों पर मनोनयन के लिए अधिकृत किया था। मंत्री होने के चलते अशोक चौधरी और जनक राम का नाम पहले से तय था। सुबह दावेदारों के नाम की घोषणा की गई और शाम में सबने शपथ भी ले ली।

जदयू से

रालोसपा से जदयू में आए उपेंद्र कुशवाहा, संजय सिंह, संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी, ललन कुमार सर्राफ, डॉ. राम वचन राय और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी

भाजपा से

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, प्रमोद चंद्रवंशी, महामंत्री जनक राम और देवेश कुमार, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी निवेदिता सिंह और मधुबनी जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर।

तीन पहले बन चुके हैं चारों सदनों के सदस्य

कुशवाहा से पहले चारों सदनों के सदस्य बनने का कीर्तिमान नागमणि, लालू प्रसाद और सुशील कुमार मोदी के नाम है। अगर कुशवाहा को भी मंत्री बनाया गया तो बिहार की वर्तमान सरकार में दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को जगह मिलेगी। शहनवाज हुसैन को दूसरे विस्तार में मंत्री बनाया गया है।

मांझी ने जाहिर की नाराजगी

हालांकि, बीजेपी और जदयू के राज्‍यपाल के मनोनयन वाली 12 सदस्‍यों के नाम की सूची जारी होते ही हम अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई।  उन्‍होंने हम से भी एक नेता को विधान परिषद भेेजने की मांग की थी। उन्‍होंने कहा कि घटक दलों से पूछे बिना ही नामों की घोषणा कर दी गई। वहीं दूसरे घटक दल वीआइपी के मुकेश सहनी को भी निराशा ही हाथ लगी है।

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