असम का बोडो व मिजोरम के चेराऊ नृत्य से जमेगी महफिल

बापू सभागार में आगामी 12 दिसंबर से आयोजित होना है सांस्कृतिक उत्सव

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:09 AM (IST)
असम का बोडो व मिजोरम के चेराऊ नृत्य से जमेगी महफिल
असम का बोडो व मिजोरम के चेराऊ नृत्य से जमेगी महफिल

पटना। बापू सभागार में आगामी 12 दिसंबर से आयोजित उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों की कला और संस्कृति का उत्सव 'ऑक्टेव 2019' अनूठा और यादगार होगा। यह उत्सव 10 साल बाद बिहार में आयोजित हो रहा है, जिसमें उत्तर-पूर्व के आठ राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। 14 दिसंबर तक चलने वाले आयोजन में असम का बोडो नृत्य से लेकर मेघालय की तलवारबाजी तक देखने को मिलेगी।

कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता एवं बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के उप-निदेशक तापस समंत्रे ने बताया कि उत्सव के दौरान असम का कुशान, बोडो नृत्य, नागालैंड के या झूम मारो, मिजोरम का रोराव, मेघालय की तलवारबाजी, मिजोरम का चेराऊनृत्य, सिक्किम का याक सिंगी छाप नृत्य और त्रिपुरा के लेबांग लोक नृत्य की प्रस्तुति सभागार में होगी। मंच पर फैशन शो के जरिए कलाकार अपने राज्य के खान-पान, कपड़े, रहन-सहन के साथ लोक संस्कृति के बारे में लोगों को अवगत कराएंगे। असम के अल्टीमेट फायर गु्रप की ओर से शिखला लोक नृत्य और मां संतोष गु्रप की ओर से संध्या नृत्य, कोलकाता के पुरलिया से छाऊ नृत्य की प्रस्तुति होगी। उत्सव के दौरान 12 समूहों में कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

मुंबई के कोरियोग्राफर के नेतृत्व में रिहर्सल

आयोजन में शरीक होने के लिए पटना आ चुके कलाकार भारतीय नृत्य कला मंदिर के मुक्ताकाश मंच पर हर रोज अभ्यास कर रहे हैं। मंगलवार की दोपहर एक बजे मंच पर विभिन्न राज्यों से आए कलाकार मुंबई के कोरियोग्राफर देवेंद्र शिला एवं अश्विनी के मार्गदर्शन में तैयारी में जुटे थे। बेहतरीन प्रस्तुति के लिए मुंबई से लाइट डिजाइनर अरूण मड़कईकर और साउंड सिस्टम के लिए मुंबई के कैलाश कदम भी आ चुके हैं।

लोक कलाएं लोगों को करेंगी आकर्षित -

तीन दिवसीय उत्सव में राज्यों की लोक कलाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा। लोक कलाओं को पेश करने के लिए 42 कलाकारों का सहयोग मिलेगा। अरुणाचल प्रदेश का हैंडलूम, ज्वैलरी, बांस, आसाम का हैंडलूम, मेघालय का हैंडीक्राफ्ट, सिक्किम का ऊलेन, मेघालय का कौउना क्राफ्ट, त्रिपुरा की शीतलापत्ती कला को कलाकार पेश करेंगे।

कलाकृतियों को तैयार करने में जुटे कारीगर -

उत्सव के दौरान प्रदर्शन के लिए कारीगर अपने-अपने राज्य की लोक कलाओं के अनुसार कलाकृतियों का निर्माण करने में लगे हैं। राजधानी के युवा आवास में बेगूसराय से आए अजय कुमार सुमन ने बताया कि थर्मोकोल से नार्थ ईस्ट का राष्ट्रीय पक्षी हार्नबिल बनाया जा रहा है। वही दस मुख वाला रावण, भैंसा, राक्षस सहित कई कलाकृतियां बनाई जा रही हैं, जिनका प्रदर्शन बापू सभागार में होगा। कार्यक्रम सहायक जयदीप घोष ने कहा कि इन कलाकृतियों के जरिए देश की सांस्कृतिक विविधता को समझना आसान होगा।

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