बिहार में थाने के पीछे जाम छलकाते पकड़े गए थे दारोगा-सिपाही, होंगे बर्खास्त; एसएसपी ने तैयार किया प्रस्ताव
लाख मनाही के बाद भी शराबबंदी कानून को लोग ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। दुखद है कि इसमें कई पुलिस वाले भी इन्वॉल्व हैं। ऐसे ही मामले में पकड़ाए पुलिसकर्मी बर्खास्त होंगे।
पटना, जेएनएन। शराब पीते गिरफ्तार किए गए शास्त्री नगर थाने के सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) लालू यादव और क्विक मोबाइल जवान पवन कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। गौरतलब है कि बिहार एक्साइज एक्ट (संशोधित) के प्रावधान के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी शराब का सेवन, बिक्री अथवा उत्पादन में लिप्त पाया गया तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उनकी बर्खास्तगी का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
मौके से भाग निकले तीन जवान
सूत्रों की मानें तो पाटलिपुत्र थाने के चालक ने शुक्रवार की देर रात थानाध्यक्ष केपी सिंह को बताया था कि थाने के पीछे नागेंद्र राय के खटाल में कुछ पुलिसकर्मी शराब पी रहे हैं। सूचना के बाद थानाध्यक्ष स्वयं दलबल के साथ पहुंच गए और मौके से लालू व पवन समेत नागेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, तीन जवान छापेमारी को पहुंचे पुलिसकर्मियों को धक्का देकर फरार हो गए।
नहीं चला पता, कहां से लाई गई थी शराब
आरोपितों पर पुलिस ने शराब के सेवन और नशे की हालत में हंगामा करने के बाबत प्राथमिकी दर्ज की और तीनों को जेल भी भेज दिया, लेकिन अब तक यह पता नहीं लगा पाई कि उनके पास शराब कहां से आयी थी? पुलिस को मौके से शराब की कोई बोतल नहीं मिली, लेकिन ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शराब के सेवन की पुष्टि हुई। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित पुलिसकर्मी ये नहीं बता पाए कि उन्होंने शराब कहां पी? सिपाही पवन थाना पुलिस पर साजिश के तहत गिरफ्तार करने की बात करता रहा।
खाकी वर्दी पर लगते रहे हैं आरोप
बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब पकड़ाने के मामले लगातार आ रहे हैं। कभी गुरुजी गिरफ्त में आ रहे हैं तो कहीं थानेदार ही शराब को बढ़ावा देते पकड़े गए हैं। हाल ही में कई जिलों में पुलिस अफसरों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।