मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच सियासी गलियारे में उछलने लगे नाम, कुछ नए तो कुछ पुरानों का जिक्र

मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच संभावित मंत्रियों के नाम अभी से ही सियासी गलियारे में दौड़ने शुरू हो गए। जदयू और भाजपा कोटे से जिन लोगों के नाम की चर्चा है उनमें कई नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:01 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:01 PM (IST)
मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच सियासी गलियारे में उछलने लगे नाम, कुछ नए तो कुछ पुरानों का जिक्र
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव। -

राज्य ब्यूरो, पटनाबिहार में नीतीश कुमार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच संभावित मंत्रियों के नाम अभी से ही सियासी गलियारे में दौड़ने शुरू हो गए हैं। जदयू (जनता दल युनाइटेड) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) कोटे से जिन लोगों के नाम की चर्चा है उनमें कई नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। कई नए नाम भी चर्चा में हैं। 

पुराने नाम पर कुछ इस तरह है चर्चा 

जदयू और भाजपा कोटे से जिन पुराने मंत्रियों के नाम चर्चा में हैैं उनमें कई ऐसे हैैं जिनका दस साल से अधिक समय तक मंत्री रहने का अनुभव रहा है। इनमें जदयू के श्रवण कुमार का नाम सबसे आगे है। नालंदा से आने वाले श्रवण कुमार पिछली सरकार में ग्रामीण विकास व संसदीय कार्य मंत्री थे। दूसरा नाम महेश्वर हजारी का है।

इनको भी मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की उम्मीद

पूर्व की सरकार में हजारी उद्योग और योजना एवं विकास मंत्री रह चुके हैं। पूर्व में भवन निर्माण मंत्री का कामकाज भी देख चुके हैं। मदन सहनी और संजय झा को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की उम्मीद है। मदन सहनी पूर्व की सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे। वहीं संजय झा जल संसाधन मंत्री रह चुके है। भाजपा कोटे से पुराने मंत्रियों में पथ निर्माण मंत्री रहे नंदकिशोर यादव और कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार का नाम भी चर्चा में है। 

भाजपा कोटे से नए नाम अपेक्षाकृत हो सकते हैं कम

जदयू कोटे से जो नए नाम चर्चा में चल रहे हैं उनमें भोरे से जीते रिटायर डीजी सुनील कुमार का नाम भी है। इनके अतिरिक्त बीमा भारती, बिहारीगंज से जीते निरंजन कुमार मेहता, हरलाखी से जीते सुधांशु कुमार व निर्दलीय विधायक सुमित कुमार के नाम की भी चर्चा है। मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा कोटे से नए नाम अपेक्षाकृत कम रहेंगे क्योंकि नए लोगों को पहले ही जगह मिल चुकी है।

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