अदब-ए-मौसिकी में साहित्य और संगीत का होगा संगम

पटना। पाटलिपुत्र में पहली बार साहित्य और संगीत का संगम होने जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 01:45 AM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 06:38 AM (IST)
अदब-ए-मौसिकी में साहित्य और संगीत का होगा संगम
अदब-ए-मौसिकी में साहित्य और संगीत का होगा संगम

पटना। पाटलिपुत्र में पहली बार साहित्य और संगीत का संगम होने जा रहा है। जहां एक ओर शास्त्रीय संगीत के विभिन्न घरानों से जुड़े कलाकारों द्वारा संगीत व वाद्य-यंत्रों की प्रस्तुति होगी, वही संगीत लेखन के मर्मज्ञ संगीत परंपरा पर अपने वक्तव्य देंगे। यह सब तारामंडल परिसर में शनिवार को देखने को मिलेगा। 21 सितंबर से नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिग आ‌र्ट्स के तत्वावधान में 'अदब-ए-मौसिकी' कार्यक्रम का आगाज होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद करेंगे।

कार्यक्रम के बारे में नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिग आ‌र्ट्स के सचिव एवं शहर के वरिष्ठ कॉर्डियक सर्जन डॉ. अजीत प्रधान ने गुरुवार को प्रेस-वार्ता में कहा कि पहली बार 'अदब-ए-मौसिकी' कार्यक्रम का आयोजन पटना में हो रहा है। कार्यक्रम संगीत विषयक साहित्य, संगीतकारों के जीवन, हिदुस्तानी शास्त्रीय संगीत घराने, परंपरा और तवायफ के साथ देवदासी परंपरा को समर्पित महोत्सव होगा। दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान संगीतकारों और संगीत परंपराओं से संबंधित वार्ता सत्र आयोजित होंगे। इसके अलावा तीन कार्यक्रम संगीत से जुड़ा होगा। डॉ. अजीत प्रधान ने कहा कि भारत में पहली बार ऐसा प्रयास पटना में किया जा रहा, जहां पर संगीत साधना करने वाले कलाकार व संगीत पर लेखन करने वाले लेखक एक मंच पर रूबरू होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा कार्यक्रम प्रतिवर्ष नवरस की ओर से आयोजित होता रहेगा। कार्यक्रम के उद्घाटन पर जयपुर अतरौली घराने की वरिष्ठ गायिका पद्मा तलवलकर को हिदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। डॉ. प्रधान ने कहा कि आयोजन को लेकर आठ वर्ष पूर्व मन में ख्याल आया था। जब पटना के गांधी मैदान में किशोरी ओमनकर अपनी प्रस्तुति देने आई थीं। लेकिन कुछ कारणों से उनकी प्रस्तुति नहीं हो सकी।

मीता पंडित की ख्याल गायिकी से होगा आगाज -

21 सितंबर की शाम पहले सत्र में प्रख्यात लेखक व साहित्यकार यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र, विक्रम सम्पत, नमिता देवी दयाल शिरकत करेंगी। वहीं इसके बाद ग्वालियर घराने की ख्याल गायिकी की प्रस्तुति मीता पंडित देंगी। उनके साथ संगत कलाकारों में हारमोनियम पर तन्मय और तबले पर कुबेर मिश्रा प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए पटना के कलाप्रेमी भाग ले सकते हैं। दरभंगा के ध्रुपद घरानों की गायिकी से सराबोर होगा परिसर रविवार को संग्रहालय में सुबह 10 बजे दरभंगा घराने की धु्रपद गायिकी की प्रस्तुति घराने के प्रशांत व निशांत मल्लिक द्वारा होगी। वहीं दूसरे सत्र में 'घराना दि म्यूजिक फ्लो' में इरफान जुबैरी, मीता पंडित, पद्मा तलवाकर, डॉ. अजीत प्रधान भाग लेंगे। मंच का संचालन अखिलेश झा करेंगे। अगले सत्र में पवन कुमार वर्मा, सर्वणमाल्या गणेश भारतीय संगीत की देवदासी परंपरा पर चर्चा करेंगे। इसके बाद ठुमरी, गजल व तवायफ परंपरा पर लिखने वाले पटना के अरुण सिंह, सबा दीवान और विद्या शाह चर्चा करेंगे। अगले सत्र में अनीश प्रधान, नमिता देवी दयाल, अखिलेश झा भारतीय शास्त्रीय संगीत लेखन पर विचार-विमर्श करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र प्रख्यात गायिका और संगीतज्ञ बॉम्बे जयश्री और विक्रम सम्पत की वार्ता होगी। इसके बाद कार्यक्रम का समापन ताल योगी पंडित सुरेश तलवलकर द्वारा तबले की काव्यात्मक व्याख्या और प्रस्तुति से होगा।

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