विधवा भाभी से देवर ने शादी रचाई, लोगों ने खुश होकर दिया आशीर्वाद, जानिए

विधवा भाभी और देवर को एक-दूसरे से प्यार हो गया और दोनों ने बिना पंडित और बिना लगन के ही मंदिर में शादी रचा ली। देवर ने एेसी बात कही कि लोगों ने नव विवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 06 Mar 2018 02:52 PM (IST) Updated:Tue, 06 Mar 2018 07:01 PM (IST)
विधवा भाभी से देवर ने शादी रचाई, लोगों ने खुश होकर दिया आशीर्वाद, जानिए
विधवा भाभी से देवर ने शादी रचाई, लोगों ने खुश होकर दिया आशीर्वाद, जानिए

पटना [जेएनएन]। विधवा भाभी की हालत देखकर चचेरा देवर उसका हालचाल पूछने घर आया करता था। दोनों में बात हुई फिर देखते ही देखते बात आगे बढ़ी और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। लगभग दो साल तक चल रहे इस प्यार का पता जब लोगों को चला तो लोगों ने पहले तो नाराजगी जताई।

लेकिन जब देवर ने भाभी और बच्चों की जिम्मेदारी उठाने की बात कही तो लोगों ने  दोनों की शादी करवाने के लिए अपनी रजामंदी दे दी। मामला बिहार के नालंदा जिले की है जहां एक विधवा भाभी और देवर की शादी बिन फेरे हम तेरे की तर्ज पर हुई जिसके गवाह सैकड़ों लोग बने।

जिले के नूरसराय प्रखंड के डोइया गांव में दो बच्चों की मां को चचेरे देवर से प्यार था और दोनों ने अपने प्यार पर समाज की मुहर लगाने के लिए सोमवार को बगैर लगन और बिना किसी तामझाम के, बिना पंडित के ही  गांव के सूर्य मंदिर में पहुंचे और दोनों ने विधिवत शादी कर ली। इस शादी के बाद गांव के लोगों ने वर-वधू दोनों को आशीर्वाद दिया।

लोगों ने बताया कि राम अवतार रविदास के पुत्र रवि रविदास की उसकी चचेरी विधवा भाभी के साथ वर्षो से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसकी भनक जब लोगों को लगी तो लोगों ने दोनों पर शादी करने का सामाजिक दबाव बनाया और जिसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी रचा ली।

बताया जाता है कि दुल्हन कविता की शादी रवि रविदास के चचेरे भाई ताम प्रवेश के साथ हुई थी लेकिन चार साल पहले उसकी करंट की चपेट में आने के कारण मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद रवि कविता के घर आता जाता रहता था। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। कविता की पहली शादी से दो बेटे हैं।

रवि ने लोगों के सामने स्वीकार किया है कि वो कविता के दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा और सबका ख्याल रखेगा। 

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