पटना जू में कैंटीन के लजीज व्यंजनों के लुत्फ संग फिर से दिखेगी शेर जैसी पूंछ वाले बंदर की उछल-कूद Patna News

संजय गांधी जैविक उद्यान में शेर जैसी पूंछ वाले बंदर (काले बंदर) की उछलकूद दर्शक देख सकेंगे। इसके लिए बनाया जा रहा केज सात दिनों के अंदर तैयार हो जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 08:47 AM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 08:47 AM (IST)
पटना जू में कैंटीन के लजीज व्यंजनों के लुत्फ संग फिर से दिखेगी शेर जैसी पूंछ वाले बंदर की उछल-कूद Patna News
पटना जू में कैंटीन के लजीज व्यंजनों के लुत्फ संग फिर से दिखेगी शेर जैसी पूंछ वाले बंदर की उछल-कूद Patna News

पटना, जेएनएन। संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) की सैर अब पहले से ज्यादा रोमांचक होगी। यहां दर्शक शेर जैसी पूंछ वाले बंदर (काले बंदर) की उछलकूद देख सकेंगे। इसके लिए अत्याधुनिक केज का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। केज के बाहरी क्षेत्र में बने मोट में पानी भी भर दिया गया है। बंदर को एक सप्ताह के अंदर केज में दर्शकों के लिए छोड़ने की तैयारी है। दर्शक उद्यान की कैंटीन में लजीज व्यंजन चखने के साथ-साथ काले बंदर की भी उछल-कूद देखते रहेंगे।

चेन्नई बंडालूर जू से लाए गए हैं बंदर

चेन्नई के बंडालूर जू से दो काले बंदर स्थानीय जू में लाए गए हैं। संजय गांधी जैविक उद्यान में लंबे समय से काला बंदर नहीं था। काले बंदर का केज जंगल का रूप ले ले लिया था। अब इसका आधुनिकीकरण किया गया है। काले बंदर की बड़ी-बड़ी तस्वीरें बनायी गई हैं। काले बंदर को शेर पूंछ बंदर तथा नील गिरी लंगूर भी कहा जाता है। इसकी शक्ल-सूरत काफी हद तक शेर जैसी होती है। शेर की तरह गले पर हल्का भूरा रंग के बाल होते हैं। पूंछ भी शेर की तरह होती है। इसे अंग्रेजी में लायन टेल मकाक कहा जाता है। यह मूलत: भारत के पश्चिमी समुद्र तट के आसपास पाया जाता है। यह शाकाहारी जीव है।

लुप्त प्राय श्रेणी में है शेर

पूंछ बंदर शेर पूंछ बंदर लुप्त प्राय की श्रेणी में हैं। तेजी से लुप्त हो रहे हैं। भारत में अब इनकी संख्या तीन से चार हजार के बीच है। इनका वजन छह से आठ किलो के बीच होता है। लंबाई 46 से 60 सेंटीमीटर होती है। ये झूंड में रहना पसंद करते हैं। एक साथ 40 से 60 के समूह में इनको देखा जाता है। ये सदाबहार जंगलों में रहना पसंद करते हैं। ये शाकाहारी हैं। ये बंदर भोजन के रूप में फल और अनाज लेते हैं।

कैंटीन के पास है काले बंदर वाला केज

बच्चे इनकी उछलकूद देखकर काफी खुश होते हैं। कैंटीन के पास है काले बंदर का केज काले बंदर का केज उद्यान की कैंटीन के पास है। इसमें बंदर को चिंपैंजी की तरह उछल-कूद की व्यवस्था की गयी है। केज के चारों तरफ पानी भरा हुआ है। बंदर के रहने वाला स्थल एक टीला की तरह है। उद्यान निदेशक अमित कुमार के निर्देशन में रेंज ऑफिसर आनंद कुमार और राजेश कुमार इस केज में खूबसूरती भरने का काम किए हैं।

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