प्रदेश के 32 लाख छात्र-छात्राओं ने शुरू की TV से पढ़ाई, होमवर्क से मम्मी-पापा का छूट रहा पसीना

क्लास 9 एवं 10 के छात्रों के लिए दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दी गई है। सुविधा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से छात्रों को दी जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 20 Apr 2020 08:38 AM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2020 11:14 AM (IST)
प्रदेश के 32 लाख छात्र-छात्राओं ने शुरू की TV से पढ़ाई, होमवर्क से मम्मी-पापा का छूट रहा पसीना
प्रदेश के 32 लाख छात्र-छात्राओं ने शुरू की TV से पढ़ाई, होमवर्क से मम्मी-पापा का छूट रहा पसीना

पटना, जेएनएन। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से आज से क्लास नौंवी एवं दसवीं के छात्रों के लिए दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए कार्यक्रम प्रतिदिन 11.05 बजे से लेकर 12 बजे तक आयोजित होंगे। सोमवार को बड़ी संख्या में तय समय पर छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल परिषद की ओर 20 से 26 अप्रैल तक का कार्यक्रम घोषित किया गया है। नौवीं एवं दसवीं के छात्रों को मेरा दूरदर्शन, मेरा विद्यालय कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है।

डीडी बिहार के माध्यम से कराई जा रही पढ़ाई

इस कार्यक्रम में राज्य के 32 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। इसमें 30 लाख बच्चे बिहार बोर्ड से और दो लाख सीबीएसई एवं आइसीएसई से हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी का कहना है कि डीडी बिहार के माध्यम से राज्य के नौवीं एवं दसवीं के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इसकी सूचना पहले ही बच्चों को दे दी गई थी। इसका प्रसारण डीडी बिहार पर किया जाएगा।

सीबीएसई, आइसीएसई, बिहार बोर्ड के छात्र हैं शामिल

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ.राजमणि प्रसाद सिंह एवं सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के अध्यक्ष डॉ.राजीव रंजन सिन्हा कहना कि वर्तमान में गणित एवं विज्ञान का बिहार बोर्ड एवं सीबीएसई का लगभग एक सामान है। देश के सभी बोर्ड का सिलेबस एनसीईआरटी पर आधारित है। सीबीएसई स्कूल भी एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाते हैं।

बच्चों के होमवर्क से मम्मी-पापा का छूट रहा पसीना

ऑनलाइन क्लास के दौरान स्कूल प्रबंधन बच्चों को प्रतिदिन होमवर्क भेज रहे हैं। इसे पूरा कराने में बच्चों के मम्मी-पापा परेशान होने लगे हैं। अभिभावक अतुल, मनोज, राहुल आदि का कहना है कि बिना किसी किताब के प्रश्नों को हल कराने में दिक्कत हो रही है।

छूट और पास के फेर में फंसा मासूमों का भविष्य

प्रशासन की छूट व पास की दोहरी नीति के कारण राजधानी के मासूमों का भविष्य अधर में है। तीन दिन पहले ही डीएम कुमार रवि ने स्कूलों को घर-घर किताब पहुंचाने को कहा था। इसके पास निर्गत करने का जिम्मा डीईओ को दिया गया है। 50 से अधिक स्कूलों ने आवेदन दिया है, लेकिन महज एक स्कूल को ही पास निर्गत किया गया। आदेश के दूसरे दिन से ही पास जारी करने का काम बंद है।

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