Bihar CoronaVirus Update: पटना AIIMS के OPD में हर दिन पहुंच रहे 25 पोस्ट कोविड मरीज

Bihar CoronaVirus Update कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए 25 फीसद लोग पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव का इलाज करा रहे हैं। पटना एम्स में रोज ऐसे करीब 25 मरीज पहुंच रहे हैं। पीएमसीएच ओपीडी में भी रोज ऐसे 15 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 02:04 AM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2020 10:14 AM (IST)
Bihar CoronaVirus Update: पटना AIIMS के OPD में हर दिन पहुंच रहे 25 पोस्ट कोविड मरीज
पटना का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान। फाइल तस्‍वीर।

पटना, जेएनएन। Bihar CoronaVirus Update: कोरोना मुक्त हुए करीब 25 प्रतिशत लोग पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव (Pos COVID Symptoms) से जूझ रहे हैं। एम्स पटना (AIIMS Patna) की पोस्ट कोविड ओपीडी में हर दिन करीब 25 मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं पीएमसीएच (PMCH) की सामान्य ओपीडी में कोरोना के बाद होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर हर दिन 15 से अधिक मरीज पहुंचते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश लोग इसकी जानकारी नहीं देते। इसके अलावा हर दिन दर्जनों लोग निजी क्लीनिक में मिलते-जुलते लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं।

सांस में परेशानी के बाद कमजोरी व दर्द बड़ी समस्या

एम्स पटना में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि कोरोना से मुक्त होने वाले लोगों में सबसे सामान्य समस्या सांस लेने में तकलीफ है। इसके बाद कमजोरी, बदन दर्द, थकान के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं। सीने में दर्द, खून के थक्के जमने के भी कुछ मामले आए हैं। हालांकि, प्रदेश में मस्तिष्क और हृदय स्ट्रोक की समस्या अभी काफी कम है।

दर्द इतना की सुबह बिस्तर से उठना मुश्किल

पीएमसीएच के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा ने बताया कि हाल में 15 दिन पूर्व कोरोना मुक्त हुआ एक ऐसा मरीज आया, जो तेज बदन दर्द के कारण सुबह बिस्तर से उठ नहीं पाता था। साथ ही उसे सांस लेने में परेशानी थी। दवाएं लेने के बाद अब उसे काफी आराम हैं। अन्य समस्याओं के साथ मानसिक अवस्था काफी ख्याली हो जाती है। ऐसे में मनोचिकित्सक से काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है।

क्या करें कोरोना मुक्त होने के बाद

- कोरोना मुक्त होने के बाद 14 दिन पूर्ण आराम करें।

- एक साथ पूरा काम करने के बजाय धीरे-धीरे कार्य क्षमता बढ़ाएं।

- योग-प्राणायाम के साथ मानसिक स्थिति मजबूत करने को सकारात्मक विचार बढ़ाने को अच्छी किताबें पढ़ें।

- उच्च प्रोटीन के साथ पौष्टिक आहार, विटामिन बी-12 का सेवन करें।

- यथासंभव धूल और धुएं वाली जगहों पर जाने से बचें।

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