कॉलेज और विभागों के योगदान से वेतन संकट से उबरेगा पीयू

By Edited By: Publish:Sat, 30 Aug 2014 10:57 AM (IST) Updated:Sat, 30 Aug 2014 10:57 AM (IST)
कॉलेज और विभागों के योगदान  से वेतन संकट से उबरेगा पीयू

पटना : पटना विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. वाईसी सिम्हाद्रि की अध्यक्षता में शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यो एवं बर्सर की बैठक हुई। इसका आयोजन राज्य सरकार द्वारा अबतक अनुदान राशि न मिल पाने के कारण इस महीने होने वाले संभावित वेतन संकट के आलोक में किया गया था। बैठक में आंतरिक स्रोत के द्वारा ही इस महीने वेतन के लिए राशि जुटाने पर रणनीति बनी। दरअसल पटना विश्वविद्यालय समेत सूबे के अन्य विश्वविद्यालयों में मई के बाद सैलरी मद में मिलने वाली अनुदान राशि नहीं पहुंची है। इसका कारण कैबिनेट से इसका अबतक स्वीकृत न होना है। विश्वविद्यालय शिक्षकों को जून एवं जुलाई के महीने में वेतन नहीं मिल पाया है। पटना विश्वविद्यालय ने अपने आंतरिक स्रोत के बल पर इन दो महीनों में कर्मचारियों को सैलरी का भुगतान किया था। जानकारी के अनुसार करीब एक हफ्ते पहले विवि के बजट अधिकारी डॉ. गणेश्वर प्रधान ने कुलपति के समक्ष हाथ खड़े कर दिए थे कि अगस्त के महीने में सैलरी के भुगतान पर संकट खड़ा हो गया है। कुलपति ने उन्हें इसका हल निकालने को कहा। इसके बाद ही मिल-जुलकर संकट से निपटने की योजना बनी। दरअसल आने वाले महीने में त्योहार होने के कारण शिक्षक व कर्मचारी सैलरी संकट को लेकर काफी आशंकित थे। शुक्रवार की बैठक में सभी प्रधानाचार्यो को कहा गया कि सत्र 2014-15 में कॉलेजों में एडमिशन फार्म की बिक्री एवं एडमिशन फीस से प्राप्त कुल राशि का 70 फीसद वे विश्वविद्यालय को लोन के रूप में दें। सरकार से अनुदान प्राप्त होते ही यह राशि उन्हें वापस कर दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रिंसिपल को शाम 5 बजे का समय दिया गया। हालांकि उनसे यह भी कहा गया कि दुर्गा पूजा के बाद विवि के वरीय अंकेक्षक कॉलेज जाएंगे व यह जांच करेंगे कि किस कॉलेज पर विवि की कितनी राशि बकाया है। विवि को उम्मीद है कि कॉलेजों से उसे 5 करोड़ की राशि प्राप्त होगी। वोकेशनल कोर्स से फीस के रूप में विवि को 40 फीसद राशि मिलती है। इससे विवि को 3 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। विवि के पुराने 'ए' अकाउंट से 1.25 करोड़ की राशि मिल जाएगी। डीडीई से 1 करोड़ की राशि लोन के रूप में मांगी गई है। यह राशि कुल मिलाकर 10.25 करोड़ हो रही है। बाकी अन्य स्रोत से इकट्ठा होगी। मालूम हो कि विश्वविद्यालय को प्रति महीने 385 शिक्षकों एवं 850 शिक्षकेतर कर्मियों की सैलरी राशि के मद में 11.75 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है। हालांकि सरकार से 9.92 करोड़ रुपये की राशि ही मिलती है। विवि के वित्त पदाधिकारी अनिल कुमार वर्मा के अनुसार विवि को सरकार से 90 फीसद डीए ही मिलता है। हालांकि पीयू अपने स्रोत से मिलाकर शिक्षकों-कर्मचारियों को 100 फीसद डीए दे रहा है। अनुदान राशि में होने वाली देरी से शिक्षकों एवं कर्मचारियों में आक्रोश है।

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