राजधानी एक्सप्रेस उड़ाने की थी साजिश

By Edited By: Publish:Wed, 23 Jul 2014 07:42 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jul 2014 07:42 PM (IST)
राजधानी एक्सप्रेस उड़ाने की थी साजिश

रफीगंज (औरंगाबाद): गया-मुगलसराय रेलखंड के रफीगंज एवं इस्माइलपुर रेलवे स्टेशन के बीच सिमवां गांव के पास मंगलवार रात्रि नक्सलियों द्वारा हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश रची गई थी। संयोग रहा कि नक्सलियों की जद में राजधानी का पायलट इंजन आ गया। राजधानी के गुजरने से दस मिनट पहले पायलट इंजन दौड़ाया जाता है। नक्सलियों द्वारा रेल पटरी को उड़ा दिए जाने की घटना के बाद से रेलखंड पर 12 घंटे तक रेलवे परिचालन बाधित रहा। बुधवार सुबह करीब 7:13 बजे डाउन एवं 11.10 बजे अप लाइन पर परिचालन शुरू कराया गया। पीडब्लूआई के अधिकारियों द्वारा रेल ट्रैक एवं टूटे बिजली का ट्रैक्शन तार की मरम्मती कराई गई। घटना के बाद पायलट इंजन के पीछे दौड़ रही 2313 राजधानी एक्सप्रेस को गुरारु रेलवे स्टेशन पर खड़ा कराया गया जबकि डाउन लाइन पर दौड़ रही 2302 नई दिल्ली हावड़ा राजधानी एवं 2314 नई दिल्ली भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को अनुग्रह नारायण रोड रेलवे पर खड़ा रखा गया। पीडब्लूआई के इंजीनियरों द्वारा जब रेलवे ट्रैक की मरम्मती कर दी गई और मरम्मती के बाद जब इंजन दौड़ाया गया तब राजधानी एक्सप्रेस को आगे जाने की हरी झंडी दी गई। बता दें कि वर्ष 2000 में भी राजधानी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश नक्सलियों द्वारा रची गई थी। उस समय रफीगंज थानाध्यक्ष रहे आरके तिवारी की तत्परता से घटना टल गया था। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ धावा नदी रेल पुल पर पहुंच गए थे और दोनों ओर से गोलीबारी होने के बाद नक्सली फरार हो गए थे। वर्ष 2002 में नक्सली अपने मकसद में कामयाब हुए थे और हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था। इस हादसे में 133 यात्रियों की मौत हुई थी और सैकड़ों यात्री घायल हुए थे। नक्सलियों द्वारा बार बार इस रेलखंड पर घटना करने के बावजूद रेलवे की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का एहतियात नहीं बरता जा रहा है। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। देखा जाए तो लाठी लिए गैंगमैन रेलवे लाइन की सुरक्षा करते हैं। इन्हीं गैंगमैनों पर रेल ट्रैक की सुरक्षा का भार है।

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