खदान हादसा : शव की खोज में दिन भर खाक छानती रही पुलिस

नवादा। रजौली से 80 किलोमीटर दूर रजौली प्रखण्ड के सवैयाटांड पंचायत में गुरुवार को ललकी इल

By Edited By: Publish:Fri, 27 May 2016 09:14 PM (IST) Updated:Fri, 27 May 2016 09:14 PM (IST)
खदान हादसा : शव की खोज में दिन भर खाक छानती रही पुलिस

नवादा। रजौली से 80 किलोमीटर दूर रजौली प्रखण्ड के सवैयाटांड पंचायत में गुरुवार को ललकी इलाके में अवैध अभ्रक खदान धंसने से 4 लोगों की मौत की जांच करने शुक्रवार की सुबह पुलिस पहुंची। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एसएसबी के असिस्टेन्ट कमांडेंट प्रशांत गौतम व रजौली थानाध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता दलबल के साथ सपही के ललकी माइन्स पहुंचे। जहां जांच में खदना धंसने से मौत की पुष्टि तो हुई लेकिन घटनास्थल से कोई शव बरामद नहीं हुआ। हादसे के शिकार हुए परिजन घटना को स्वीकारते हैं लेकिन प्राथमिकी दर्ज कराने से इंकार कर रहे हैं। जो जानकारी मिली उसके अनुसार खिजुआ गांव के दो मजदूर सुरेश यादव व कारु यादव और सिरसीयाटांड गांव के दो मजदूरों पिता-पुत्र लुटन मियां और ताहिर मियां की मौत हुई। ये सभी ललकी में अवैध अभ्रक माइन्स पर अभ्रक निकालने का काम कर रहे थे। इसी दौरान माइन्स का चाल धंस गया जिससे चारों की मृत्यु हो गयी। इन सभी को अभ्रक माफियाओं द्वारा प्रत्येक दिन 200 रु. की दिहाडी पर काम कराया जाता था। इस ख्दान का संचालन दिनेश यादव, मुन्ना मियां और तरूण पांडेय द्वारा किये जाने की बात सामने आई है।

रजौली पुलिस शुक्रवार को मामले की तफ्तीश के लिए घटनास्थल पर पहुंची तो किसी ने भी नहीं कहा कि यहां कोई घटना घटी है। हैरत की बात ये कि सिरिसियाटांड के दो अल्पसंख्यक युवकों की मौत हुई थी। जब पुलिस उनके घरवाले से पूछताछ की तो कहा गया कि इस घर में किसी की मौत नहीं हुई है। यहां तक कि उस गांव में उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि हमारे यहां किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही थी। कुछ लोगों ने दबी जुबान से कहा कि अगर हमलोग किसी का नाम लेते हैं तो हमलोगों को जीना हराम हो जायेगा। हमलोग जिस हालत में हैं हमे उसी हालत में छोड़ दिया जाय। जब किसी ने कुछ नहीं बताया तो पुलिस वहां से सीधे ललकी अभ्रक माइन्स पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। वहां से पता चला कि सपही से सटे सिजुआ गांव के दो व्यक्ति की मौत हुई है। तब रजौली पुलिस कोडरमा पुलिस के सहयोग से सिजुआ पहुंची। वहां पहुंचते ही मृतक सुरेश यादव के पिता बाबुलाल यादव ने पुलिस के सामने अपने बेटे और भतीजा कारु यादव की मौत अवैध अभ्रक खदान धंसने से हुई है। लेकिन उन्होंने किसी अभ्रक माफिया का नाम नहीं बताया। जिसके पीछे कारण था कि माफियाओं का भय। जंगली व नक्सली क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण अभ्रक माफियाओं से खौफजदा रहते हैं। खौफ इस कदर है कि किसी का बेटा मरा तो किसी का पति तो किसी का बाप लेकिन खौफ के कारण कोई भी सदस्य उन अभ्रक माफियाओं का नाम बताना मुनासिब नहीं समझते हैं।

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एक जान की कीमत एक लाख

- अवैध अभ्रक खदान में किसी भी मजदूर की मौत हुई तो अभ्रक माफियाओं द्वारा मृतक के परिजन को पुलिस को नाम नहीं बताने के एवज में एक लाख रुपये थमाकर जुबान बंद रखने की धमकी भी देते हैं। जिसका असर भी दिख रहा है। अभ्रक माफियाओं का डर इस कदर है कि पुलिस भी ग्रामीणों के इस व्यवहार से काफी असंतुष्ट दिखे। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जबतक मृतक के परिजन किसी के नाम नहीं बताते हैं तबतक अभ्रक माफियाओं पर किसी प्रकार का शिकंजा नहीं कसा जा सकता है।

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अवैध अभ्रक खदान में चलता है मौत का खेल, प्रशासन बेखबर

-सवैयाटांड पंचायत में दर्जनों अवैध अभ्रक का खदान बेरोकटोक चल रहा है। जिसके बारे में अनुमण्डल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक बेखबर है। जबकि अवैध अभ्रक खदान पर हर 15 - 20 दिन पर ऐसी घटनाएं घटती रहती है। जिसमें दर्जनों मजदूर मौत के गाल में समा जाते है। द¨रदगी तो इन माफियाओं की इतनी है कि अगर किसी बाहरी मजदूर की मौत हुई तो उसी खदान में उसे दफना दिया जाता है। और उस माइन्स को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। फिर माफिया अपना नया ठिकाना तलाश लेते हैं। यहां तक की स्थानीय मजदूर की भी मौत होती है तो मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव को जला दिया जाता है। कई परिजन अपने मृतक को देख भी नहीं पाते है। और जान की कीमत लगती है एक लाख रुपया।

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6 मई को को भी हुई थी चार लोगों की मौत

-अवैध अभ्रक खनन कराने वाले अभ्रक माफिया नसिम मियां के अवैध खदान पर 06 मई 2016 को खदान धंसने से चार लोगों की मौत हुई थी। जिसमें दो लोगों की मौत समसिमरिया अवैध अभ्रक खदान में ही हो गयी थी। जबकि दो लोगों की मौत अस्पताल लाने के क्रम में हुई थी। चारो मृतक ढोढाकोला गांव के रहने वाले थे। समसिमरीया में अवैध अभ्रक खनन का काम नसिम मियां संभालने हुए है। अभी भी अभ्रक निकालने का काम बेखौफ जारी है।

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कहां-कहां संचालित है अवैध खदान

- ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अभी भी धनकुटवा, लिटलहिया, शारदा, चटकरी, बसरौन, फकुनी टोपा, पहाडी ऐसे अन्य दर्जनों जगहों पर अवैध अभ्रक का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। इसकी देखरेख अभ्रक माफियाओं ब्रहम्देव ¨सह, डा. इम्तियाज, सिकन्दर तुरिया, नारायण ¨सह, लालबहादुर ¨सह, सुरज यादव, नसिम मियां, नइम मियां, बिनोद राजवंशी, बिजू ¨सह आदि कर रहे हैं। जबकि इन सभी का रिमोट कंट्रोल झारखण्ड राज्य के कोडरमा, गिरीडीह, डोमचांच, तिलैया में बैठे आकाओं के हाथ में होता है। इन आकाओं के संबंध बहुत दूर तक हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अभ्रक माफिया बेखौफ होकर अभ्रक खदान चला रहे हैं। विस्फोटक से लेकर जेसीबी मशीन तक का प्रयोग किया जाता है।

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बेटे और भतीजे की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

फोटो-

संवाद सहयोगी(रजौली):बिहार-झारखण्ड की सीमा से सटे डोमचांच थाना क्षेत्र के सिजुआ गांव के दो परिवारों में मातम छाया हुआ है। क्योंकि इन्हीं दो परिवार के दो सदस्यों सुरेश यादव व दूसरा कारु यादव जो रिश्ते में अपने चचेरे भाई थे की मौत हुई थी। दोनों घर की आंगन सूनी पड़ गयी है। माता-पिता-पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। ये दोनों अपने घरों की सारी जिम्मेदारी उठाया रखे थे। उनके पिता बाबुलाल यादव ने रो-रोकर बताया कि मेरा बेटा प्रतिदिन 200 रुपया कमाकर घर लाता था। तब हमलोग दो शाम की रोटी खाते थे। सुरेश की मौत के बाद बुढे माता-पिता और बीबी-बच्चे का लालन-पालन करने वाला कोई नहीं रहा। जबकि पिछले साल ही इनके बडे पुत्र सन्नु यादव की मौत भी खदान धंसने से हो गयी थी। दो साल में दोनों पुत्र को खोने का गम माता-पिता से साल रहा है। अब वो भगवान से प्रार्थना कर रहे है कि हमे भी अपने पास बुला लें।-----------------------------शुरू हुई छापामारी

-खदान धंसने से चार मजूदरों की मौत ने प्रशासन को हिला दिया। पुलिस दलबल के साथ उस इलाके में पहुंची ही खनन व वन विभाग के अधिकारी भी दलबल से पहुंचे और अवैध खनन का साक्ष्य इकट्ठा करने में जुट गए। सहायक खान निदेशक मनोज कुमार मिश्रा और रजौली के रेंजर रमेश कुमार श्रीवास्तव दलबल से ललकी इलाके में पहुंचे और अवैध् खनन से संबंधित साक्ष्य इकटठा किया। दोनों अधिकारियों ने बताया कि अवैध खनन में शामिल लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी।

-----------------------------पुलिस भी दर्ज करेगी प्राथमिकी

-खदान धंसने से चार की मौत की पुष्टि होने के बाद पुलिस अब अपने स्तर से प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी। रजौली थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतकों के परिजन प्राथमिकी दर्ज कराने को आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आगे की कार्रवाई पुलिस अपने स्तर से करेगी।

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