निश्शुल्क संपत्ति बंटवारा का जिलेवासी नहीं ले रहे लाभ

जिले में पारिवारिक एवं पैतृक संपत्ति के बंटवारा का विधिवत निबंधन का लाभ जिलेवासी नहीं उठा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 05:35 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 05:35 PM (IST)
निश्शुल्क संपत्ति बंटवारा का जिलेवासी नहीं ले रहे लाभ
निश्शुल्क संपत्ति बंटवारा का जिलेवासी नहीं ले रहे लाभ

जिले में पारिवारिक एवं पैतृक संपत्ति के बंटवारा का विधिवत निबंधन का लाभ जिलेवासी नहीं उठा रहे हैं। कारण स्पष्ट है जागरूकता का अभाव। दस्तावेज नवीस भी लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। संपत्ति बंटवारा का कागजात तैयार करने में आनाकानी कर रहे हैं। यही कारण है कि जिले में इस नए कानून का लाभ किसान या फिर अन्य वर्ग नहीं ले पा रहे हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि होर्डिंग लगाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।

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कैसे होता है निबंधन

- संपत्ति बंटवारा का निबंधन कराने के लिए अंचलाधिकारी कार्यालय से पारिवारिक सूची, जमीन की लगान रसीद, खतियान, आधार कार्ड के अलावा दो ग्रामीण गवाहों की आवश्यकता पड़ती है। कागजात तैयार होने के बाद निबंधन कार्यालय में जाकर मुद्रक दस्तावेजों के अनुसार शुल्क जमा कर आसानी से संपत्ति का बंटवारा कर सकते हैं।

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जटिल है प्रक्रिया

- कागजात तैयार करने की प्रक्रिया अभी भी काफी जटिल है। दस्तावेज नवीस कागजात तैयार करने के लिए अभी मुंहमांगा शुल्क की मांग कर रहे हैं। कागजात तैयार के नाम पर किसानों को बरगलाया जा रहा है। उनसे सामान्य निबंधन से भी अधिक राशि की मांग कर रहे हैं। परिणाम है कि लोग चाहकर भी बंटवारा के कागजात का निबंधन नहीं करा रहे हैं।

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कब से लागू हुआ कानून

-राज्य भर में इस कानून को 07 दिसम्बर 2018 से लागू किया जा चुका है। कानून के लागू हुए दो माह से अधिक के समय हो चुके हैं बावजूद जिले में अबतक एक भी निबंधन नहीं हो सका है। इसके तहत मात्र 50 रुपये का स्टांप शुल्क व 50 रुपये का शुल्क भुगतान करना होता है।

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कहते हैं अधिकारी

- अबतक पारिवारिक संपत्ति बटवारे के लिए किसी ने भी पारिवारिक सूचि के अलग आवेदन नहीं किया है। न ही किसी ने दाखिल खारिज के लिए इस प्रकार का निबंधन उपलब्ध कराया है। मांग किए जाने पर सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा।

ओमप्रकाश भगत, अंचल अधिकारी, अकबरपुर, नवादा।

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