अधिकारी को प्रोटोकाल की समझ नहीं : विधायक

नालंदा। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियन्ता शैलेन्द्र कुमार जैसे बड़े अधिकारी को प्रोटोकॉल क

By Edited By: Publish:Thu, 25 Aug 2016 03:07 AM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2016 03:07 AM (IST)
अधिकारी को प्रोटोकाल की समझ नहीं : विधायक

नालंदा। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियन्ता शैलेन्द्र कुमार जैसे बड़े अधिकारी को प्रोटोकॉल की भी समझ नहीं है। यह रविवार को देखने को मिला। वाक्या यह है कि विधायक चन्द्रसेन प्रसाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा करते हुए जब राढील छिलका पर पहुंच कर जायजा ले रहे थे तो उसी वक्त जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियन्ता शैलेन्द्र कुमार एवं कार्यपालक अभियन्ता विवेकानन्द भी पहुंचे और विधायक को देखकर अनजान बनते हुए दूसरी ओर चले गए। वैसे विधायक ने अधिकारियों को नहीं देखा था। लेकिन उनके समर्थकों ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी आए हुए हैं। तो विधायक ने बुलाने को कहा तो जदयू नेता देवेन्द्र प्रसाद भुट्टो ने जाकर अधिकारियों को बताया कि विधायक जी बुला रहे हैं तो अधीक्षण अभियन्ता शैलेन्द्र कुमार ने कार्यपालक अभियन्ता विवेकानन्द को विधायक के पास भेज दिया और खुद दूसरी ओर चले गए। अधीक्षण अभियन्ता को इतना भी समझ में नहीं आया कि विधायक माननीय होते हैं और प्रोटोकॉल के हिसाब से किसी भी अधिकारी को उनका सम्मान करना नियमन है। लेकिन इसके बावजूद अधीक्षण अभियन्ता द्वारा विधायक की उपस्थिति को नजरअंदाज करना अपने आप में विधायिका जैसी महत्वपूर्ण संस्था को अपमानित करने जैसा प्रतीत होता है। अधीक्षण अभियन्ता के इस कार्यशैली पर विधायक चन्द्रसेन प्रसाद से जब जागरण ने प्रतिक्रिया जानना चाहा तो उन्होंने ने हंसते हुए कहा कि तो क्या मैं किसी अधिकारी से कहूं कि आकर मुझे प्रणाम एवं सम्मान करें।

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