रत्नागिरी पहाड़ी के कठोर पत्थरों के कारण हो रही देर, अब नए साल में कर सकेंगे 4 सीटर केबिन में रोप वे का सफर

बिहारशरीफ। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट फोर सीटर केबिन वाले

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 04:35 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 04:35 PM (IST)
रत्नागिरी पहाड़ी के कठोर पत्थरों के कारण हो रही देर, अब नए साल में कर सकेंगे 4 सीटर केबिन में रोप वे का सफर
रत्नागिरी पहाड़ी के कठोर पत्थरों के कारण हो रही देर, अब नए साल में कर सकेंगे 4 सीटर केबिन में रोप वे का सफर

बिहारशरीफ। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट फोर सीटर केबिन वाले रोप वे के काम में रत्नागिरी पहाड़ी के पत्थरों की कठोरता बाधा बनी है। पहले यह प्रोजेक्ट चालू वर्ष के अंत में पूरा हो जाना था। पर अब नए साल के जनवरी तक पर्यटक नए केबिन में सपरिवार सफर का आनंद ले सकेंगे। इस नए रोप वे का बेस पुराने रोप वे के बगल में बनाया गया। नया रोप वे चालू होने के बाद पुराने ¨सगल सीटर रोप वे को धरोहर की तरह संजो कर रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि रत्नागिरी पहाड़ी के उपर अवस्थित विश्व शांति स्तूप तक जाने के लिए रोप वे का शिलान्यास वर्ष 1965 व उद्घाटन 1969 में हुआ था। उस वक्त का यह देश भर मे पहला रोप वे हुआ करता था। मगर समय के साथ पर्यटकों की मांग व सुविधा के मद्देनजर अब फोर सीटर रोप वे का निर्माण किया जा रहा है। यह देश में अपने आप में इकलौता प्रोजेक्ट है। बीते वर्ष 2016 मे फोर सीटर रोप वे के निर्माण कार्य का शिलान्यास तत्कालीन पर्यटन मंत्री अनिता देवी ने किया था। अब पांच साल तक के बच्चे भी केबिन रोप वे में कर सकेंगे सवारी :

नया रोप वे वन सीटर रोप वे के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होगा। वर्तमान रोप वे पर पांच साल तक के बच्चों के सफर करने पर मनाही है। वहीं, एक ही सीट पर बच्चे को गोद में बैठाकर सफर करने से भी रोका जाता है। बुजुर्ग लोगों को भी इस चेयर पर बैठने व उतरने में परेशानी होती है जो नए फोर सीटर केबिन लगने के बाद खत्म हो जाएगी। इस केबिन में एक छोटा परिवार एक साथ सफर कर सकेगा। आस्ट्रिया से मंगवाया जा रहा है ऑटोमेटिक फोर सीटर केबिन :

अत्याधुनिक फोर सीटर रोप वे ऑटोमेटिक केबिन को आस्ट्रिया देश के कारवा टेक कंपनी से आयात कराया जाएगा। केबिन के दरवाजे गंतव्य पर पहुंचकर खुद खुलने व बंद होने वाले होंगे। पर्यटन विभाग इस परियोजना पर 16 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

पर्यटन विभाग के प्रोजेक्ट पर तीन कंपनियां कर रही हैं काम :

फोर सीटर रोप वे के निर्माण में पर्यटन विभाग के अलावा तीन देसी-विदेशी कंपनियां लगी हुई हैं। इनमें पश्चिम बंगाल के कन्वियर एंड रोप वे सर्विसेज प्रा. लि. की भूमिका कांट्रैक्टर, राइट्स कंस्ट्रक्शन की भूमिका कंसल्टेंट और आस्ट्रिया की कारवा टेक कंपनी 4 सीटर केबिन आपूर्तिकर्ता के रुप में अपनी सहभागिता दे रही है। फोर सीटर रोप वे का फाउंडेशन वर्तमान ¨सगल चेयर लिफ्ट रोप वे रूट के बगल में किया गया है जिसमें रोप वे के टावर एसेम्ब¨लग का काम शीघ्र शुरु किया जाएगा। लगभग 45 मजदूर तथा 12 अभियंता अधिक फाउंडेशन के कार्य में जुटे हुए हैं। इस क्रम में अपर स्टेशन तथा लोअर स्टेशन के प्लेटफार्म का निर्माण कार्य किया जा रहा है। हाईड्रोलिक ट्राली के माध्यम से अपर स्टेशन के निर्माण कार्य में बालू, गिट्टी, सीमेंट, छड़ इत्यादि संसाधनों की ढुलाई की जा रही है।

4 सीटर केबिन का निर्माण हुआ बंद, अब कंपनियां बनी रहीं 6 सीटर केबिन :

ज्ञातव्य हो कि रोप वे केबिन निर्माण में जुटी सभी विदेशी कंपनियां फोर सीटर केबिन का निर्माण बंद कर चुकी हैं। अब तमाम जगहों पर सिक्स सीटर रोप वे केबिन बनाना शुरु कर दिया है। इस कारण फोर सीटर रोप वे केबिन के अभाव में अब राजगीर फोर सीटर रोप वे परियोजना में भी सिक्स सीटर रोप वे केबिन के लगाए जाने की संभावना प्रबल है। केबिन आस्ट्रिया से मंगवाया जा रहा है। फैक्ट फाइल

- 16 करोड़ की लागत से हो रहा काम, जनवरी 2019 में शुरू हो जाएगा नया रोप वे

- देश का सबसे अत्याधुनिक स्वचालित आस्ट्रिया मेड 4 सीटर केबिन

- 4 सीटर रोप वे केबिन की कुल संख्या 36

- हर केबिन के बीच की दूरी 45 मीटर

- रोप वे पर केबिन की स्पीड ढाई मीटर प्रति सेकेंड, कुल 530 मीटर का सफर 212 सेकेंड में होगा पूरा

- लोअर व अपर स्टेशन पर पहुंचने के बाद केबिन के दरवाजे ऑटोमेटिक खुलेंगे और बंद होंगे

- रोप वे गेज व्हील मैकेनिज्म की राउं¨डग क्षमता 4.438 मीटर

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