पेट्रोल व डीजल में मिलावट कर लोगों को लगाया जा रहा चूना

बिहारशरीफ। खनिज तेल में मिलावट की बात हो या खाद्य पदार्थों के गोरख-धंधे की बात। यह खेल लंबे समय से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Oct 2018 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 30 Oct 2018 11:05 PM (IST)
पेट्रोल व डीजल में मिलावट कर लोगों को लगाया जा रहा चूना
पेट्रोल व डीजल में मिलावट कर लोगों को लगाया जा रहा चूना

बिहारशरीफ। खनिज तेल में मिलावट की बात हो या खाद्य पदार्थों के गोरख-धंधे की बात। यह खेल लंबे समय से जिले में चलता आ रहा है। इस खेल में कंपनी के अधिकारी से लेकर मालिक तथा कर्मचारियों तक की मिलीभगत होती है। अधिक मुनाफाखोरी तथा आर्थिक उपार्जन की ललक में ऐसे कामों को अंजाम दिया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार किरोसीन तेल का 40 फीसद भाग पेट्रोल अथवा डीजल में खप जाया करता था जिसपर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने किरोसीन तेल के रंग को नीले रंग में बदल डाला। लेकिन इस बदलाव के बाद भी पेट्रोल व डीजल में मिलावट का कार्य नहीं रूक पाया और अधिकांश पंपों पर तेल में मिलावट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। हाल ही में कई पंपों पर पेट्रोल में पानी मिलाने की खबर ने भी जोर पकड़ी थी। इस खबर से हड़कंप मंच गया था।

पेट्रोल में इथेनॉल का हो रहा इस्तेमाल:

राज्य में शराबबंदी के बाद इथेनॉल की कई कंपनियां बेकार हो गई थी। कई बंद हो गए तो कई ने न्यायालय की शरण ली। सरकार ने इन कंपनियों में बने इथेनॉल को पेट्रोल में मानक रूप से मिलाने का आदेश निर्गत किया। इस आदेश के बाद कंपनियों को राहत जरूर मिली। लेकिन पेट्रोल पंप वाले के लिए यह आदेश आफत बन गया क्योंकि इथेनॉल मिले पेट्रोल में यदि पानी की दो बूंद भी मिल जाए तो पेट्रोल और इथेनॉल बिल्कुल अलग हो जाते है। यही कारण रहा कि कई पेट्रोल के हॉज में पानी की लिकेज के कारण तेल व इथेनॉल बिल्कुल अलग हो गए थे।

पहले भी कई बार की जा चुकी छापेमारी:

हिलसा के मुनेश्वरी पेट्रोल पंप पर छापेमारी की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी मिलावट के आरोप में यह पंप बंद हो चुका है और निजी प्रभावों व पैरवी के आधार पर यह पंप फिर चल पड़ा। इस बार भी स्थिति समान तौर पर यही है। जब लोगों की सूचना के आधार पर डीएम ने छापेमारी की तो जांच में किरोसिन तेल की मिलावट की बाते सामने आई और डीएम के आदेश से इस पंप को सील कर दिया गया।

पेट्रोल पंपों की जांच के लिए टीम गठित :

पेट्रोल व डीजल में मिलावट की जांच के लिए कई टीम गठित की गई है जो निरंतर पेट्रोल पंपों की जांच करती रहती है। किन-किन कंपनियों के जिले में हैं पेट्रोल पंप

कंपनी- संख्या

इंडियन ऑयल कंपनी -73

हिन्दुस्तान पेट्रॉलियम-38

भारत पेट्रॉलियम-60

पेट्रोल व डीजल की शुद्धता की जांच के तरीके :

पेट्रोल व डीजल में मिलावट है या नहीं इसकी जांच के लिए एक फिल्टर पेपर पर पेट्रोल अथवा डीजल की कुछ बूंद लें। यदि बूंद सूखने के बाद फिल्टर पर धब्बा रह गया तो समझ लें उसमें मिलावट है। वहीं यदि पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 के बीच आती है तो पेट्रोल शुद्ध माना जाता है। वहीं, डीजल में 830 से 900 के बीच डेंसिटी होने पर इसे शुद्ध माना जाता है। दूसरी बात यह है कि पेट्रोल में किरोसीन तेल की मात्रा मिलाने पर इसका रंग लाल-सा हो जाता है। उसी प्रकार डीजल में भी कलर में बदलाव देखने को मिलता है। इन दस महीनों में यह पहला मामला है जब जिले के किसी पेट्रोल पंप को मिलावट करने के आधार पर बंद किया गया।

पेट्रोल पंपों पर जांच की नहीं है कोई व्यवस्था:

कई पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि कंपनी द्वारा कोई ऐसा यंत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है जिससे यह ज्ञात हो सके कि तेल में इथेनॉल सहित और किन पदार्थों की कितनी मात्रा मिली है। फलत: कई बार समस्याएं आ जाती है। कहते हैं अधिकारी :

इंडियन ऑयल कंपनी पूरी तरह सजग है। अधिकारियों की टीम समय-समय पर औचक निरीक्षण भी करते रहते हैं। मिलावट की शिकायत होने पर तेल का सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। मिलावट की शिकायत सही पाए जाने पर उस पंप की संविदा रद कर दी जाती है। फिर कंपनी उसे बिक्री के लिए कभी तेल नहीं देती। कौशल कुमार, सेल्स मैनेजर, इंडियन ऑयल

इंसेट

इंसेट - मिलावटी पेट्रोल बेचने वाला पंप सील, संचालक के विरुद्ध दर्ज होगी एफआइआर

बिहारशरीफ : मिलावटी पेट्रोल बेचने वाले पंप पर अब कार्रवाई की जाएगी। इसी कड़ी के तहत मंगलवार को हिलसा स्थित मुनेश्वरी ऑटोमोबाइल पेट्रोल पंप को मिलावटी पेट्रोल बेचने के कारण सील कर दिया गया। यह जानकारी मंगलवार को डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने देते हुए बताया कि उन्हें काफी पहले यह शिकायत मिली थी कि हिलसा स्थित मुनेश्वरी ऑटोमोबाइल पेट्रोल पंप पर मिलावटी पेट्रोल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। एसडीओ हिलसा को पेट्रोल पंप की जांच करने भेजा गया था। एसडीओ हिलसा ने पेट्रोल पंप से पेट्रोल लेकर उसके सैंपल को विज्ञान प्रयोगशाला, पटना जांच के लिए भेज दिया था। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया कि पेट्रोल में किरोसीन मिलाई गई थी जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध है। इसी धारा के तहत पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है। वहीं, पेट्रोल पंप के प्रोपराइटर पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7 के तहत भारतीय दंड विधान की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश नवागत एसडीओ को दिया गया है। डीएम ने बताया कि अगर किसी पंप के बारे में मिलावट करने की शिकायत मिलेगी तो उस पंप का सैंपल लेकर उसकी जांच कराई जाएगी। जांच में अगर साबित हो गया कि पेट्रोल या डीजल मिलावटी है तो पहले पंप सील होगा और उसके बाद संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। डीएम ने बताया कि जिस इलाके के पेट्रोल पंप में मिलावट करने की शिकायत मिलेगी और जांच में शिकायत की पुष्टि हो जाएगी उस प्रखंड के एमओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी