समरस समाज के पुरोधा व समता के संदेशवाहक थे ज्योतिबा फुले

सिगारहाट मोहल्ले स्थित अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को भारत के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की 192वीं जयंती समारोह पूर्वक गनाई गई। जिसकी अध्यक्षता संघ के महासचिव हरेन्द्र चौधरी ने की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 07:05 PM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 07:05 PM (IST)
समरस समाज के पुरोधा व समता के संदेशवाहक थे ज्योतिबा फुले
समरस समाज के पुरोधा व समता के संदेशवाहक थे ज्योतिबा फुले

बिहारशरीफ : सिगारहाट मोहल्ले स्थित अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को भारत के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की 192वीं जयंती समारोह पूर्वक गनाई गई। जिसकी अध्यक्षता संघ के महासचिव हरेन्द्र चौधरी ने की। इस दौरान उपस्थित लोगों ने महात्मा ज्योतिबा फुले को याद किया और उनके आदर्शो को आत्मसात करने का संकल्प लिया और लोगों ने विश्व प्रसिद्ध महान कर्मयोगी महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर फूल-माला अíपत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। संघ के महासचिव हरेन्द्र चौधरी ने कहा कि ज्योतिराव गोविदराव फुले 19 वीं सदी के एक महान भारतीय प्रखर विचारक, सुविख्यात समाजसेवी, लेखक, महान दार्शनिक तथा एक महान सामाजिक क्रान्तिकारी कार्यकर्ता एवं समता के संदेशवाहक थे। वे समरस समाज के पुरोधा थे। उनके समाजसेवा के प्रयासों से देश में शिक्षा की क्रांति हुई। ज्योतिबा फुले ने समकालीन समाज में फैली छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा, स्त्रियों की दयनीय स्थिति, शोषण, गुलामी आदि का डटकर विरोध किया। शिक्षक नेता राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि कर्मयोगी महात्मा ज्योतिबा फुले समग्र समाज के लिए प्रेरणा के स्त्रोत थे। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 01 जनवरी 1848 को लडकियों के लिए एक स्कूल खोला। यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था। इस सच्चे समाजसेवी को लोगों ने आदर से 'महात्मा' की पदवी से विभूषित किया। इस मौके पर संघ के उपाध्यक्ष भोला पासवान, प्रोफेसर डॉ. आनंद व‌र्द्धन, रणजीत कुमार, शिवालक पासवान, धीरज कुमार, अवधेश चौधरी, अनिल पासवान, रामविलास पासवान, डॉ. सदानन्द पासवान, अवधेश पासवान, अस्पन्दन कुमार अजीत कुमार, छट्ठू पासवान, नागेश्वर चौधरी आदि शामिल थे।

chat bot
आपका साथी