आइएमए हॉल में बुद्धिजीवियों ने किया लोकतांत्रिक सुधार पर विचार-विमर्श

बिहारशरीफ। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गौरव हमें प्राप्त है। लेकिन इस तमगे के बावजूद न तो हमने लोकतंत्र को भली-भांति समझने की चेष्टा की और न ही इस पर चर्चा करना आवश्यक समझा है। इसका परिणाम आज सामने है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:51 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:06 AM (IST)
आइएमए हॉल में बुद्धिजीवियों ने किया लोकतांत्रिक सुधार पर विचार-विमर्श
आइएमए हॉल में बुद्धिजीवियों ने किया लोकतांत्रिक सुधार पर विचार-विमर्श

बिहारशरीफ। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गौरव हमें प्राप्त है। लेकिन, इस तमगे के बावजूद न तो हमने लोकतंत्र को भली-भांति समझने की चेष्टा की और न ही इस पर चर्चा करना आवश्यक समझा है। इसका परिणाम आज सामने है। चुनाव में ऐसे-ऐसे लोग जीत कर सामने आ रहे हैं जो न केवल समाज के लिए घातक हैं बल्कि ऐसे लोगों की जीत क्षेत्र की प्रगति अवरोध का प्रतीक भी बन रहा है। ऐसे में आज पार्टी विशेष से अलग हटकर लोकतंत्र की समृद्धि तथा मतदान के प्रयोग पर चर्चा करने की आवश्यकता है। क्योंकि, अधिकतर लोग न तो लोकतंत्र में वोट के महत्व को समझ पाते हैं और न उन्हें वोट की कीमत का अहसास है। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में तीन नवंबर को चुनाव होना है। यदि समय रहते इन विषयों पर चर्चा नहीं हुई तो शायद लोकतांत्रिक सुधार की गुंजाइश इस बार भी नहीं बन पाएगी। इसी सुधार पर चर्चा को लेकर बुधवार को आईएमए हॉल में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म नामक संस्था की ओर से शहर के बुद्धिजीवियों के बीच एक चर्चा आयोजित की गई। जिले में संस्था द्वारा आयोजित यह पहली चर्चा है। चर्चा में पटना से आए संस्था के संजीव कुमार ने कहा कि वोट हमारी सबसे बड़ी ताकत है। मतदाताओं की एक गलती देश के लिए घातक साबित हो सकती है। इसलिए वोट देने से पूर्व न केवल प्रत्याशियों की सही तरीके से जांच-पड़ताल कर लें बल्कि उनके हाथों में आपका क्षेत्र कितना सुरक्षित है, इस पर भी विचार करें। कई बार जल्दबाजी अथवा औपचारिकता में लिए गए निर्णय से देश का अहित होता है। इसलिए वोट के मोल को पहचाने तथा सोच-समझकर अपनी इस शक्ति का प्रयोग करें। इस मौके पर लोगों को कोरोना से बचाव के भी उपाय बताए गए। चर्चा में शहर के जाने-माने चिकित्सक डॉ. अरूण कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. सुनीति सिन्हा, डॉ. संजीव कुमार, डेमोक्रेटिक रिफॉर्म नामक संस्था के सदस्य सहित शहर के बुद्धिजीवी व रोटरी क्लब के सदस्य शामिल थे।

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