विश्व माहवारी दिवस : शर्म नहीं सम्मान है यह औरत की पहचान है

विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर गुरुवार को हरनौत एवं चंडी में महिलाओं तथा किशोरियों को जागरूक किया गया। मासिक धर्म को लेकर बनी झिझक को तोड़ने के लिए नारा दिया-शर्म नहीं सम्मान है यहऔरत की पहचान है यह।जागरूकता कार्यक्रम हरनौत के डिहरी गढ़ एवं चंडी के बढ़ौना पंचायत में किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 10:12 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:43 AM (IST)
विश्व माहवारी दिवस : शर्म नहीं सम्मान है यह औरत की पहचान है
विश्व माहवारी दिवस : शर्म नहीं सम्मान है यह औरत की पहचान है

हरनौत : विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर गुरुवार को हरनौत एवं चंडी में महिलाओं तथा किशोरियों को जागरूक किया गया। मासिक धर्म को लेकर बनी झिझक को तोड़ने के लिए नारा दिया-'शर्म नहीं सम्मान है यह, औरत की पहचान है। जागरूकता कार्यक्रम हरनौत के डिहरी गढ़ एवं चंडी के बढ़ौना पंचायत में किया गया। इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए महिलाओं ने हथेली पर लाल बिदी बना प्रदर्शित की। सेंटर फॉर कैटेलाइजिग चेंज के तहत नेहा ग्रामीण महिला विकास समिति ने चैंपियन परियोजना में शामिल महिला वार्ड सदस्यों के माध्यम से माहवारी स्वच्छता को लेकर गांव की महिलाओं को बताया गया कि मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी नेपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे खरीदने में झिझक नहीं होनी चाहिए। इसके प्रति पुरुषों को भी संवेदनशील होने की जरूरत है। लोगों को बताया कि यह पीरियड कोई छुआछूत या परिवार से अलग रहने के लिए नहीं होता है। बताया गया कि आज भी विशेष दिनों में लड़कियों के साथ घर में अलग व्यवहार किए जाने की सूचना मिलती है। ऐसा जागरूकता के अभाव में हो रहा है।

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सेनेटरी नेपकिन के लिए छात्राओं को मिलती सरकारी सहायता

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सरकार ने बालिकाओं को मुफ्त सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने की योजना को कन्या उत्थान योजना में शामिल कर लिया है। इसके तहत सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत सातवीं से 12वीं कक्षा तक के बालिकाओं को प्रतिवर्ष तीन सौ रुपये उसके बैंक खाते में शिक्षा विभाग द्वारा भेजी जाती है। स्कूलों में बालिकाओं को इसके प्रति जागरूक भी किया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी मासिक धर्म जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है।

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