अधिवक्ता संघ चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज

नालंदा। जिला अधिवक्ता संघ में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। बल्कि कुछ पदों के संभावित उम्मीदवा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 11:25 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 11:25 PM (IST)
अधिवक्ता संघ चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज
अधिवक्ता संघ चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज

नालंदा। जिला अधिवक्ता संघ में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। बल्कि कुछ पदों के संभावित उम्मीदवारों ने अपनी तरफ से संपर्क अभियान चलाना शुरू भी कर दिया है। राज्य वार काउंसिल से प्राप्त निर्देश के अनुसार 30 नवम्बर के पूर्व चुनाव निश्चित रूप से संपन्न कर उक्त तिथि तक निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों की सूचि कौंसिल को प्रेषित कर दी जाय। शेष तिथियों का जला संघ स्वयं निर्धारण करेगा। जिसके तहत सर्व प्रथम निर्वाचित पदाधिकारी संघ सदन द्वारा मनोनित किये जाएंगे। पुन: वे अपना टीम मनोनित करेंगे। जिसके बाद मतदाता पत्र की निश्चित सूची जारी की जायेगी। इसके बाद नामांकन मतदान और गिनती की प्रक्रिया होगी। इसमें कम से कम एक माह का समय आवश्यक है। यह छोटा सा चुनाव है। जिसमें प्रतिद्धता कम तथा मनोरंजन तथा भाईचारा ज्यादा होता है। संघ चुनाव में कुल 22 पदों के लिए मतदान होता है। वैसे तो वे दोस्ताना चुनाव माना जाता है। उम्मीदवार भी सभी संघ के सदस्य आपस में होते हैं। परन्तु नामांकन के साथ ही परिसर में कसमश बस जाती है। और चुनाव अपने चरम पर पहुंच जाता है जोड तोड़ के प्रचार के सारे समीरण अपनाये जाते हैं सदस्यों के साथ जन संपर्क चरम पर होता है। कुल 22 चुनावी पदों में अध्यक्ष 1, उपाध्यक्ष 3, सचिव 1, संयुक्त व सहायक सचिव 3, 3, 3 काउडिटर व ट्रेजरर 1, 1, लाइब्रेरियन व भिजनेश एक कार्यकारिणी सदस्य 7 होते हैं। इन पदों पर नामांकन के लिए आवश्यक आर्हता जो की बार काउंसिल के लिए तय होती है प्राप्त होना जरूरी है। पिछले चुनाव में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए 25 वर्ष प्रेक्टिस अनुभव तथा सचिव पद पर 20 वर्ष व इसी प्रकार से अन्य पदों पर अनुभव होना आवश्यक है। इस मानक के न रहने पर नामांकन रद्द होना निश्चित है इसके अलावा दो दो गार्रटर तथा नामांकन शुल्क भी प्रत्येक उम्मीदवार के लिए आवश्यक है एक ही पद पर दो से अधिक बार नामांकन करने पर उम्मीदवारी रद्द होगी। चुनाव में विलंब के कारण वर्तमान कार्यकारिणी के कार्यकाल लगभग दो टर्म का हो चुका है प्रत्येक टर्म दो वर्ष का होता है। वर्तमान कारिणी लगभग साढ़े तीन वर्षों से निर्बाध कार्य कर रही है। चुनाव मतदाता सूची समय से तैयार न होने से दो वर्ष पूरे होने पर भी चुनाव नहीं कराया जा सके थे। परन्तु अब मतददाता सूची तैयार है। और नये सूची से हाल फिलहाल में राज्य बार काउंसिल का सफल चुनाव कराया जा चुका है इसमें जिला अधिवक्ता संघ के सात सौ से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया था। पिछले संघ चुनाव में सूची में आठ सौ से अधिक मतदाता थे। आगामी चुनाव में उम्मीद है की यह संख्या 9 सौ से अधिक होगी। ये सभी मतददाता जुट कर संघ चुनाव में भाग लेते हैं जिसका परिणाम है की 90 प्रतिशत तक औसत मतदान होता है। मतदाताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मतदान समय में कुछ इजाफा अफरा- तफरी तथा कोर्ट कार्य के नुकसान से बचने के लिए अवश्य किया जाना चाहिए। हुए मतदान की गिनती अगले ही दिन कर परिणाम घोषित कर दिया जाता है। प्रमुख पदों के संभावित उम्मीदवार प्रमुख पद अध्यक्ष के संभावित उम्मीदवार किशोरी प्रसाद, सीताराम लार्ड, मनोज कुमार आजाद तथा प्रभात कुमार रूखैयार वहीं सचिव पद पर वर्तमान दिनेश कुमार, अनंत कुमार, डा. अरूण कुमार, अजीत कुमार, शारदानंद ¨सह, ललीत मार्या, अनिल कुमार क्रांति नामांकन कर संघ चुनाव रण में रंग डाल सकते हैं। वहीं उपाध्यक्ष पद पर सैयद इख्तिखार अहमद व संजय कुमार आचार्य दो नये नाम हो सकते हैं। वैसे तो अधिवकांश सदस्यों का मानना है की वर्तमान कार्यकारिणी दो टर्म लगभग पूरे कर चुकी है इसलिए इनके सदस्यों को किसी भी पद पर नामांकन नहीं करना चाहिए। हालांकि अधिवक्ता मॉडल रूल से यह परे है। पर स्वयं विवेक से यह निर्णय लेना चाहिए ताकि स्वस्थ्य परंपरा की शुरूआत हो। वर्तमान कार्यकारिणी की स्थिति समर्थन के मद्दे नजर वर्तमान कार्यकारिणी अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरी नहीं उतरी है हालांकि की कुछ कार्य प्रशंसनीय अवश्य रहे हैं परन्तु इतना पर्याप्त समय के बावजूद बहुत विकास का कार्य नहीं हो सका है अपने शुरूआती वादे भी पूरे करने में असफल रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है की कई प्रमुख मौकों पर संघ के शेष पदाधिकारी अनुपस्थित रहे हैं। जिससे निर्णय किसी अन्य वरीय पर छोड़ा गया। हालिया कुछ निर्णयों से अधिवक्ताओं के सम्मान में कोई वृद्धि नजर नहीं आई जो वादे चुनाव के बाद किये गये थे।

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