क्यों नहीं दिख रहा बीआरएबीयू पार्ट वन का रिजल्ट, अब इसके आगे क्या करें, यहां जानें

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट वन का परिणाम नहीं दिखने से बढ़ रहा आक्रोश अधिकारियों ने बंद किए मोबाइल। परीक्षा नियंत्रक ने बंद किया मोबाइल। अध्यक्ष छात्र कल्याण और कुलपति इस मामले में नहीं दे रहे कोई उत्तर।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 29 Dec 2021 09:49 AM (IST) Updated:Wed, 29 Dec 2021 09:49 AM (IST)
क्यों नहीं दिख रहा बीआरएबीयू पार्ट वन का रिजल्ट, अब इसके आगे क्या करें, यहां जानें
सम-विषम के पेच में फंसा मामला तो आनन-फानन में बंद किया पोर्टल। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक सत्र 2019-22 के परीक्षा परिणाम में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। यही कारण है कि परिणाम जारी होने के चार दिन बाद भी विवि का वेबसाइट अंडर मेंटेनेंस बता रहा है। विवि के कोई भी अधिकारी इसका कारण बताने को सामने नहीं आ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर परिणाम जानने को आतुर दिख रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि जब परिणाम जारी कर दिया गया तो क्यों उसपर रोक लगाई गई या परिणाम ठीक है तो दिख क्यों नहीं रहा। विवि के अधिकारियों के सामने आकर किसी प्रकार का उत्तर नहीं देने के कारण छात्रों का आक्रोश बढ़ रहा है। छात्र-छात्राएं कह रहे कि यदि यही स्थिति रही तो विवि खुलने के बाद भारी बवाल होगा। कई छात्र संगठनों की ओर से भी इसपर नाराजगी व्यक्त की गई है। परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार का मोबाइल बंद बता रहा। वहीं अध्यक्ष छात्र कल्याण डा.अजीत कुमार और कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय से जब इस मामले को लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। 

प्रति कुलपति ने कहा- पूरी तैयारी के साथ जारी होना चाहिए था परिणाम

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रवींद्र कुमार से जब परिणाम में हुई गड़बड़ी के संबंध में जानने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि यदि परिणाम में गड़बड़ी हुई है तो जल्दीबाजी में परिणाम नहीं जारी किया जाना चाहिए था। दो-चार दिन रुककर ही यदि ठीक परिणाम विद्यार्थियों को मिलता तो उन्हें यह परेशानी नहीं झेलनी होती।

पीजी का भी रुका है परिणाम

स्नातक के परिणाम में हुई गड़बड़ी के कारण उनका परिणाम रोका गया, लेकिन पीजी की परीक्षा का परिणाम भी पोर्टल पर नहीं दिखा रहा है। पीजी के सत्र 2019-21 के प्रथम वर्ष का परिणाम भी जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि आधा दर्जन से अधिक विषयों का परिणाम खराब रहा है। इसके करीब पांच हजार विद्यार्थी परिणाम जानने को लेकर परेशान हो रहे हैं। इस सत्र के विद्यार्थियों का पोर्टल पर पीजी सत्र-2019-22 सत्र दिखा रहा, जबकि पीजी का सत्र दो वर्षों का ही होता है। यह गड़बड़ी भी इंटरनेट मीडिया पर चर्चे में है।

कंप्यूटर से हुई कापी जांच तो इतनी बड़ी चूक कैसे

विवि की ओर से पहली बार स्नातक में ओएमआर शीट पर परीक्षा ली गई। 50 प्रश्न दो-दो अंक के थे। विवि की ओर से कहा गया कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कंप्यूटर के माध्यम से स्कैन कर की जाएगी। ऐसे में विवि का पूरा मार्किंग पैटर्न सवालों के घेरे में आ गया है। विवि के अधिकारी कह रहे कि कुछ अंक ग्रेस देने के क्रम में किसी पेपर में 45 अंक मिल गया होगा, लेकिन यह तर्क भी तब गलत साबित हो जा रहा जब विद्यार्थियों के आनलाइन जारी अंकपत्र में 61, 53, 65, 57 आदि अंक दर्ज किए गए हैं। ऐसे में छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि मूल्यांकन हुआ ही नहीं एवरेज मार्किंग कर अंक दे दिया गया। अधिकारी इसपर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।  

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