जहां जेपी ने कराया इलाज वह चिकित्सालय अब खंडहर, जानें क्यों हुई यह स्थिति Muzaffarpur News

कन्हौली में महात्मा गांधी की प्रेरणा से स्थापित प्राकृतिक चिकित्सा गृह के गौरवशाली अतीत पर बदहाल वर्तमान का साया। नगर विकास व आïवास मंत्री ने जाहिर की जिले के गौरव को फिर से जीवंत करने की प्रतिबद्धता।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 01:46 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 01:46 PM (IST)
जहां जेपी ने कराया इलाज वह चिकित्सालय अब खंडहर, जानें क्यों हुई यह स्थिति Muzaffarpur News
जहां जेपी ने कराया इलाज वह चिकित्सालय अब खंडहर, जानें क्यों हुई यह स्थिति Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी] । भले ही ध्वस्त होते इस मकान पर घास उग रही है। परिसर में यत्र-तत्र झाडिय़ां हैं। लेकिन, प्राकृतिक चिकित्सा के मानक स्थापित करने का यहां का स्वर्णिम इतिहास रहा है। मुजफ्फरपुर शहर के मध्य कन्हौली स्थित इस सार्वजनिक प्राकृतिक चिकित्सा गृह को लोकनायक जयप्रकाश नारायण का इलाज करने का गौरव प्राप्त है। इस बात का भी गौरव इसे है कि इसकी स्थापना में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा की ईंट लगी है। 

 लेकिन, वक्त की ऐसी मार इस इमारत पर पड़ी है कि अब जबकि पूरा देश गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है तो गांधी के विचारों से ओत-प्रोत उनके प्राकृतिक चिकित्सा के सपनों पर उपेक्षा का ब्रेक लगा है। 1946 में स्थापित उत्तर बिहार के इस एकमात्र प्राकृतिक चिकित्सालय में इलाज ठप है।

गांधी के विचारों के अनुरूप सेवा

 यहां की व्यवस्था देख रहे 72 वर्षीय कृष्ण मुरारी प्रसाद सिन्हा बताते हैं कि सत्याग्रह आंदोलन के क्रम में महात्मा गांधी ने यहां के बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों के साथ बैठक कर प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को बताया था। बैठक में मौजूद बरियारपुर के रामाचरण प्रसाद ने जमीन दान देकर 1946 में प्राकृतिक चिकित्सा गृह का निर्माण कराया। शुरुआती दौर में बापू के साथ रहने वाले एक प्राकृतिक चिकित्सक यहां रहे और सेवा दी। लोगों ने प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व समझा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण व भूदान आंदोलन के प्रणेता बिनोवा भावे ने भी इस प्राकृतिक चिकित्सा गृह की सेवा ली। उनके अतिरिक्त कई अन्य गण्यमान्य लोग यहां अपना इलाज कराते रहे। मुजफ्फरपुर यात्रा के दौरान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी इस परिसर का भ्रमण किया था।

मिली सूचना के मुताबिक 16 जुलाई 2017 से यहां इलाज नहीं हो रहा है। हालांकि स्थानीय विधायक सह मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने अपने स्तर से पहल के साथ सांसद अजय निषाद, सांसद आरके सिन्हा सहित दूसरे जनप्रतिनिधियों से निधि लेकर भवन व चहारदीवारी निर्माण की कवायद शुरू की है। प्रयास यह है कि बापू के 150 वें जयंती वर्ष में यहां मरीजों का इलाज पूर्ववत बहाल हो जाए।'यह चिकित्सालय मुजफ्फरपुर के लिए धरोहर है। संस्था के पास पर्याप्त जमीन है। अस्पताल को फिर से जीवंत करने और इसे मानकों के अनुरूप तैयार करने के सिलसिले में आयुष मंत्रालय से बात कर रहा हूं।

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