जब वाहन गुजरते हैं तो हिलने लगता है यह पुल, दोन क्षेत्र को जाने वाले एक मात्र रास्ते के पुल का बुरा हाल
दोन क्षेत्र को जोडऩे वाले बकवा चंद्रौल के समीप का स्क्रू पाइल पुल की हालत जर्जर है। अराजकतत्वों ने इसके नट-बोल्ट एंगल व पट्टी तक को खोलकर बेच डाला है।
पश्चिम चंपारण, [गौरव वर्मा]। एक तरफ सरकार करोड़ों की लागत से जगह-जगह पुलों का निर्माण करा रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ पुल विभागीय अनदेखी के कारण जर्जर हो चले हैं। ये कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं।
आवागमन ठप होने की आशंका
बखरी बाजार व थारू आदिवासी बाहुल्य इलाके परसौनी, मनचगंवा पंचायत के कई गांवों को जोडऩे के अलावा दोन क्षेत्र को जोडऩे वाले मुख्य रास्ते पर स्थित बकवा चंद्रौल के समीप का स्क्रू पाइलिंग पुल की हालत जर्जर है। आलम यह है कि इसपर जब वाहन चलते हैं तो यह हिलने लगता है। अराजकतत्वों ने इसके लोहे के नट बोल्ट, एंगल व पट्टी तक को खोलकर बेच डाला है। जिसके कारण इसकी हालत खस्ता हो चली है। अगर समय रहते इस तरह ध्यान नहीं दिया जाता है तो, आने वाले समय में इस पुल से होकर आवागमन ठप होने की आशंका है। जिससे ना सिर्फ दोन क्षेत्र बल्कि बखरी समेत अन्य उत्तर तरफ के गांवों के तरफ आने जाने में काफी कठिनाइयां आएंगी।
दो दशक पूर्व हुआ था निर्माण
इस क्षेत्र के लोगों को सीधे प्रखंड मुख्यालय से जोडऩे के लिए बिहार के पूर्व मंत्री राम प्रसाद यादव के अथक प्रयास से इस पुल को बनवाया गया था। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस पुल को सिंगाहा नदी पर बनाया गया था, जिसने आगे चलकर अपने मार्ग में परिर्वतन कर लिया। करीब चालीस से पचास लाख की लागत से बने इस लोहे के पुल को मंत्री ने अपने कार्यकाल में उस समय सन 1995 और 2000 के बीच बनवाया था, जब दस्युओं का आतंक अपने चरम पर था। जिससे उस क्षेत्र में जाने वालों को काफी राहत मिली थी। आज नदी के स्थान परिर्वतन के बाद भी इस पुल की महत्ता बरकरार है।
चार दर्जन से अधिक गांवों का आवागमन निर्भर
इस पुल से होकर बगही, परसौनी, मनचंगवा के साथ ही दोन क्षेत्र के नौरंगिया व बनकटवा पंचायतों के चार दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन इसी पुल से होता है। इसके अलावा गौनाहा प्रखंड के कई गांवों के लोग अपने क्षेत्र में आने जाने के लिए इस पुल का इस्तेमाल करते हैं। इस रास्ते से ही होकर बखरी बाजार, गोर्बधना, मनचंगवा, बगही सखुआनी के रास्ते होते हुए दोन क्षेत्र के 22 गांवों में जाया जाता है। मगर, आज इस पुल से हो रहे इसके पूर्जोंे की चोरी के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी पुल से होकर दो बार दोन क्षेत्रों की यात्रा कर चुके हैं। फिलहाल तो इस पुल की हालत चलने लायक नहींं है।