Wheat Price : पैक्स को गेहूं नहीं बेच रहे किसान, बाजार में कितना मिल रहा भाव? सरकार की बढ़ी टेंशन
Bihar Farmers बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में किसानों का सरकार से मोह भंग हो रहा है। वह सरकार के बजाय बाजार में गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं। दरअसल सरकार ने गेहूं खरीदने की कीमत 2275 रुपये रखी है। वहीं बाजार में किसानों को इसका भाव ज्यादा मिल रहा है। पैक्स को गेहूं न देने की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई है।
HighLights
- एक माह का बीत गया समय, एक किलो भी गेहूं का नहीं हो पाया क्रय
- 15 मार्च से सरकार ने गेहूं का क्रय शुरू किया
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Wheat Price In Bihar सरकार के बदले बाजार में गेहूं बेंच रहे किसान। क्रय का नियम ज्यादा व कीमत कम होने के कारण किसानों की पसंद बाजार बनी है। 15 मार्च से सरकार ने गेहूं का क्रय शुरू किया। 15 जून तक क्रय किया जाएगा। एक माह समय बीत गए बाकी अभी एक किलो भी गेहूं की क्रय नहीं हो पाई हैं।
जिला सहकारिता पदाधिकारी डा.ललन शर्मा ने बताया कि बाजार में किसानों को 2 हजार तीन सौ रुपए से ज्यादा दाम में क्विवंटल गेहूं बिक रहा। सरकारी स्तर पर 2275 रुपये की दर से खरीदारी की जा रही है।
डॉ. शर्मा ने बताया बाजार में ज्यादा कीमत होने के कारण पैक्स में लोग गेहूं नहीं दे रहे। किसानों से संपर्क किया जा रहा हैं। वह पैक्स को गेहूं दे। शर्मा ने बताया कि गेहूं क्रय का अब तक राज्य मुख्यालय से लक्ष्य तय नहीं किया गया है। स्थानीय स्तर पर जितना गेहूं सेंटर पर आएगा, उसका क्रय किया जाएगा। इसके लिए सभी पैक्स अध्यक्ष को सूचना दे दी गई है।
पैक्स को भेजी गई सात-सात लाख की राशि
गेहूं की खरीदारी के लिए विभाग की ओर से 152 पैक्स व व्यापार मंडल का चयन किया गया है। सभी को सात-सात लाख की राशि दी गई है। एक पैक्स जब 29 टन तक गेहूं क्रय कर लेगा, उसके बाद दूसरी खेप की खरीद के लिए राशि दी जाएगी।
इधर सरकारी दर 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जबकि बाजार में 2300 से 2400 रुपये क्विंटल गेहूं बिक रहा है। कांटी मिठनसराय के किसान लक्षमण सहनी ने कहा कि बाजार में सरकारी दर से ज्यादा कीमत मिल रही।
किसानों के खेत से गेहूं कटते ही व्यापारी सीधे ले जा रहे हैं, जबकि सरकारी स्तर पर जो खरीद हो रही है, वहां पर गेहूं को पूरी तरह से सूखाने के बाद देना है। एक क्विंटल में पांच किलो ज्यादा देना है।
अपने बोरा में गेहूं लेकर जाना है। इस झंझट से मुक्ति के लिए किसान सीधे व्यापारी को दे रहे हैं। मुशहरी के किसान रामप्रवेश कुमार ने बताया कि बाजार में ज्यादा कीमत व नगद राशि मिल रहा है।
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